रांची, 26 दिसंबर (भाषा) झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि आदिवासी स्वशासन, गरिमा और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना उनकी सरकार की प्राथमिकता है।
सोरेन ने कहा कि आदिवासियों के अधिकारों, गौरव और स्वशासन को मजबूत करने वाला पेसा कानून आने वाले दिनों में समाज के सर्वांगीण विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।
सोरेन केंद्रीय सरना समिति, राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा और रांची आदिवासी छात्रावास के प्रतिनिधिमंडलों को संबोधित कर रहे थे। इन प्रतिनिधिमंडलों ने पेसा नियमों को मंजूरी दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।
मुख्यमंत्री ने कहा, “आदिवासी स्वशासन, गरिमा और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। हम पंचायतों को मजबूत करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। इस संबंध में सरकार ने पेसा नियमों को मंजूरी दे दी है।”
अनुसूचित क्षेत्रों का पंचायत विस्तार (पेसा) अधिनियम के तहत नियमों को मंगलवार को सोरेन की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक के दौरान मंजूरी दे दी गई।
सोरेन ने कहा, “राज्य में पेसा कानून लागू होने से आदिवासी क्षेत्रों की ग्राम सभाओं को निर्णय लेने का अधिकार सहित कई शक्तियां हासिल होंगी। यह कानून उनके अधिकारों, गौरव और स्वशासन को सशक्त बनाता है तथा आने वाले दिनों में समाज के सर्वांगीण विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा।”
रोजगार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अब तक लगभग 10,000 नौकरियां प्रदान की हैं। उन्होंने कहा, “आने वाले दिनों में रोजगार के और अधिक अवसर सृजित किए जाएंगे।”
भाषा
शुभम पारुल
पारुल