कोलकाता, 15 अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा को लेकर मचे राजनीतिक तूफान के बीच बंगाली नववर्ष के अवसर पर मंगलवार को रंगारंग ‘शोभायात्राएं’ निकालीं।
वरिष्ठ तृणमूल नेता एवं पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने दक्षिण कोलकाता में पार्टी की रैली का नेतृत्व किया, जिसमें लोगों ने पारंपरिक बंगाली परिधान पहन रखे थे। उनमें बड़ी संख्या में महिलाएं थीं।
ढाक (ढोल) की थाप और ‘बांग्लार माटी बांग्लार जोल’ (हम बंगाल की मिट्टी, बंगाल की नदियों से प्रेम करते हैं) के गायन के बीच, भट्टाचार्य और अन्य प्रतिभागियों ने रासबिहारी एवेन्यू पर पैदल मार्च किया।
भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘..‘बांग्ला नववर्ष’ के इस दिन हम उन ताकतों को हराने का संकल्प लें जो बंगाल में हिंदुओं और मुसलमानों तथा अन्य समुदायों के सदियों पुराने सौहार्द और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को बाधित करना चाहती हैं। रवींद्रनाथ टैगोर और काजी नजरुल इस्लाम की धरती कभी भी किसी विभाजनकारी साजिश का समर्थन नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पहले ही स्पष्ट शब्दों में यह बात कही है।’’
भाजपा का सीधे नाम लिये बिना उन्होंने कहा, ‘‘समाज में नफरत और विभाजन फैलाने वालों को बंगाल के लोग कभी स्वीकार नहीं करेंगे, चाहे वे कितनी भी साजिशें रच लें।’’
भाजपा ने मध्य कोलकाता में एक रैली निकाली। रैली में भाग ले रहे भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘आइए बंगाल से तुष्टीकरण करने वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प लें, जिसने मुर्शिदाबाद जिले और अन्य जगहों पर इस्लामी जिहादियों द्वारा मचाए गए कहर की ओर से आंखें फेर ली हैं तथा बंगाल को दूसरे बांग्लादेश में बदल दिया है।’’
घोष ने कहा, ‘‘मुर्शिदाबाद जिले में बंगाली हिंदू अपने घरों से भाग रहे हैं और तृणमूल सांसदों और विधायकों ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न के बराबर प्रयत्न किया। मुर्शिदाबाद और राज्य के अन्य स्थानों पर दंगों और हिंदुओं की संपत्तियों पर हमलों की पृष्ठभूमि में यह नववर्ष विशेष महत्व रखता है।’’
इस दौरान उनके साथ पार्टी नेता अग्निमित्रा पॉल और शमिक भट्टाचार्य भी थे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी (भाजपा नेता) ने तामलुक में एक अन्य नववर्ष रैली में आह्वान किया कि ‘‘बंगाल के कई हिस्सों में अराजकता और जिहादी तत्वों के हमले की मौजूदा स्थिति समाप्त की जाए और ममता बनर्जी के कुशासन को खत्म किया जाए।’’
भाषा राजकुमार सुरेश
सुरेश
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