Live in Relationship में रह सकते हैं व्यस्क युवक-युवती, माता-पिता को नहीं है हस्तक्षेप करने का अधिकार: हाईकोर्ट

Live in Relationship में रह सकते हैं व्यस्क युवक-युवती, माता-पिता को नहीं है हस्तक्षेप करने का अधिकार: हाईकोर्ट

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  • Publish Date - December 2, 2020 / 02:05 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:05 PM IST

प्रयागराज: दो वयस्क व्यक्ति लिव-इन संबंध में एक साथ रह सकते हैं, यह व्यवस्था देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फर्रुखाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को ऐसे ही एक जोड़े को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है जो लिव-इन संबंध में साथ साथ रह रहा है। न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने फर्रुखाबाद की कामिनी देवी और अजय कुमार द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को यह आदेश पारित किया।

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याचिकाकर्ताओं ने अदालत के समक्ष दलील दी कि वे दोनों वयस्क हैं और एक दूसरे से प्रेम करते हैं। पिछले छह महीने से वे एक दंपति की तरह साथ रह रहे हैं, लेकिन कामिनी के माता- पिता उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि कामिनी के माता- पिता उसकी शादी अधेड़ उम्र के एक व्यक्ति से करना चाहते थे। याचिकाकर्ताओं ने 17 मार्च, 2020 को फर्रुखाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में शिकायत की थी, लेकिन आज तक उनका प्रार्थना पत्र लंबित है।

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पीठ ने संबंधित पक्षों की दलील सुनने के बाद कहा, “माननीय उच्चतम न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह व्यवस्था दी है कि जहां एक लड़का और लड़की वयस्क हों और अपनी इच्छा से एक साथ रह रहे हों, तब उनके माता पिता सहित किसी को भी उनके एक साथ रहने में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।” पीठ ने इस याचिका को स्वीकार करते हुए कहा, “हमारा विचार है कि इन याचिकाकर्ताओं को एक साथ रहने की स्वतंत्रता है और किसी भी व्यक्ति को उनकी शांतिपूर्ण जिंदगी में दखल देने की अनुमति नहीं होगी। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन जीने का अधिकार, एक मौलिक अधिकार है जिसमें यह व्यवस्था है कि किसी भी व्यक्ति को जीवन जीने के अधिकार और निजी स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।”

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