संसदीय परंपराओं को दरकिनार कर दो दशकों की प्रगति को पलट दिया गया: कांग्रेस ने मनरेगा को लेकर कहा

संसदीय परंपराओं को दरकिनार कर दो दशकों की प्रगति को पलट दिया गया: कांग्रेस ने मनरेगा को लेकर कहा

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  • Publish Date - December 21, 2025 / 03:32 PM IST,
    Updated On - December 21, 2025 / 03:32 PM IST

नयी दिल्ली, 21 दिसंबर (भाषा) कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर संसद में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) जैसे ‘‘ऐतिहासिक कानून का अपमान’’ करने का रविवार को आरोप लगाते हुए कहा कि ‘‘कोई परामर्श किए बिना’’ और सभी संसदीय परंपराओं एवं प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए पिछले दो दशकों की प्रगति को पलट दिया गया है।

कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने ग्रामीण रोजगार योजना की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए 2012 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्व सरकार द्वारा जारी इसकी समीक्षा से जुड़ा एक दस्तावेज सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा किया।

उन्होंने एक ‘पोस्ट’ साझा करते हुए कहा कि 14 जुलाई 2012 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रकाशित ‘मनरेगा समीक्षा’ जारी की थी।

रमेश ने कहा कि यह 2008 से 2012 के बीच मनरेगा पर किए गए 145 क्षेत्रीय अध्ययनों का संकलन है, जिसमें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) द्वारा किया गया एक अध्ययन भी शामिल है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि ‘‘संसद में पिछले एक सप्ताह के दौरान हुए इस ऐतिहासिक कानून के अपमान’’ के बीच इस दस्तावेज को पढ़ना अब आवश्यक हो गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘कोई परामर्श किए बिना तथा सभी संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं को दरकिनार कर दो दशकों की प्रगति को पलट दिया गया है।’’

रमेश ने ‘मनरेगा समीक्षा’ दस्तावेज की प्रस्तावना का एक ‘स्क्रीनशॉट’ भी साझा किया। इस दस्तावेज को उस समय जारी किया गया था, जब वह ग्रामीण विकास मंत्रालय के प्रभारी थे।

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने भी ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक’ संसद से पारित होने के बाद शनिवार को आरोप लगाया था कि मोदी सरकार ने मनरेगा पर बुलडोजर चला दिया है और करोड़ों किसानों, श्रमिकों एवं भूमिहीन ग्रामीण वर्ग के गरीबों के हितों पर हमला किया है। उन्होंने कहा था कि पार्टी नए “काले कानून” के खिलाफ लड़ाई को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि पिछले 11 साल में मोदी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगार, गरीबों और वंचितों के हितों को नजरअंदाज कर मनरेगा को कमजोर करने की हर कोशिश की, जबकि कोविड के समय यह गरीब वर्ग के लिए संजीवनी साबित हुआ।

संसद ने ‘विकसित भारत- जी राम जी विधेयक, 2025’ को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। यह मनरेगा की जगह लेगा। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध किया है।

भाषा

सिम्मी दिलीप

दिलीप