अमृतसर, आठ जुलाई (भाषा) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने शनिवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि इससे देश में अल्पसंख्यक समुदायों की विशिष्ट पहचान को नुकसान पहुंचेगा।
एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में शीर्ष गुरुद्वारा निकाय की यहां हुई कार्यकारी समिति की बैठक में सदस्यों ने कहा कि देश में यूसीसी की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि संविधान ‘‘विविधता में एकता के सिद्धांत’’ को मान्यता देता है।
धामी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘समान नागरिक संहिता को लेकर देश में अल्पसंख्यकों के बीच एक आशंका है कि इससे उनकी विशिष्ट पहचान और धार्मिक सिद्धांतों को नुकसान पहुंचेगा।’’
एसजीपीसी ने यूसीसी को लेकर सिख बुद्धिजीवियों, इतिहासकारों, विद्वानों और वकीलों की एक उप-समिति का गठन किया है और प्रारंभिक समीक्षा के बाद, इसने समान नागरिक संहिता को अस्वीकार कर दिया है।
इस उप-समिति में एसजीपीसी महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल, वरिष्ठ वकील पूरन सिंह हुंदल, एसजीपीसी सदस्य भगवंत सिंह सियालका, परमजीत कौर और किरणजोत कौर, प्रोफेसर कश्मीर सिंह, डॉ. इंद्रजीत सिंह गोगोआनी, डॉ. परमवीर सिंह और डॉ. चमकौर सिंह शामिल हैं।
भाषा रवि कांत शफीक
शफीक