(आसिम कमाल)
(फाइल फोटो के साथ जारी)
नयी दिल्ली, 18 जून (भाषा) राज्यसभा के सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि 2024 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-तीन की ‘‘काफी संभावनाएं’’ हैं, बशर्ते विपक्षी दलों के पास समान मकसद हो, इसे प्रतिबिंबित करने वाला एक एजेंडा हो और वे लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए उम्मीदवारों को खड़ा करते समय ‘‘कुछ पाने और कुछ देने’’ के लिए तैयार रहें।
विपक्ष की एक प्रमुख आवाज और कांग्रेस के पूर्व नेता सिब्बल ने कहा कि साझा न्यूनतम कार्यक्रम के बजाय विपक्षी दलों को ‘‘भारत के लिए नयी सोच’’ पर बात करनी चाहिए।
सिब्बल का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की अहम बैठक होगी, जिसकी मेजबानी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे। इस बैठक में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, अखिल भारतीय कांग्रेस समेटी के पूर्व प्रमुख राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी के समन्वयक अरविंद केजरीवाल समेत कई नेता अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने को लेकर विचार-विमर्श करेंगे।
सिब्बल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से साक्षात्कार में कहा कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत इस बात का उदाहरण है कि भाजपा को हराया जा सकता है, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि लोकसभा चुनाव अलग आधारों पर लड़ा जाता है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि 2024 की चुनावी लड़ाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ नहीं, बल्कि ‘‘उस विचारधारा के खिलाफ है जिसे वह बनाए रखना चाहते हैं।’’
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
नेत्रपाल
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