नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण बुधवार को राज्यसभा की बैठक शुरू होने के दस मिनट बाद ही दोपहर बारह बजे तक स्थगित कर दी गई।
हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया।
बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने बताया कि उन्हें सदन का नियत कामकाज स्थगित कर तीन विषयों पर चर्चा कराने के लिए नियम 267 के तहत 18 नोटिस मिले हैं।
उन्होंने बताया कि इनमें से कोई भी नोटिस नियमों के अनुसार उपयुक्त नहीं पाया गया, अत: उन्हें अस्वीकार कर दिया गया। विपक्षी सदस्यों ने नोटिस खारिज किए जाने पर कड़ा विरोध जताया और हंगामा करने लगे।
कुछ सदस्य अपने-अपने स्थान से उठकर आगे भी आ गए।
उपसभापति ने सदस्यों से शांत रहने और शून्यकाल चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘कृपया शून्यकाल चलने दें। शून्यकाल और प्रश्नकाल बहुत महत्वपूर्ण हैं।’’
सदन में व्यवस्था बनते न देख उपसभापति ने 11 बजकर नौ मिनट पर बैठक को दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
संसद के मानसून सत्र की शुरुआत से ही सदन में कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्य बिहार में एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहे हैं और उनके हंगामे की वजह से, इस सत्र के दौरान राज्यसभा में एक बार भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया है।
भाषा मनीषा सुभाष
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