Vande Bharat: ‘मिशन नोबेल’.. ट्रंप नाकाम! अमेरिकी राष्ट्रपति का नोबेल प्राइज का सपना टूटा, आखिर ट्रंप के हाथ कैसे निकला ये पुरस्कार? देखिए ये वीडियो

'मिशन नोबेल'.. ट्रंप नाकाम! अमेरिकी राष्ट्रपति का नोबेल प्राइज का सपना टूटा,US President's Nobel Prize dream shattered

  •  
  • Publish Date - October 10, 2025 / 11:53 PM IST,
    Updated On - October 10, 2025 / 11:58 PM IST

नई दिल्लीः Vande Bharat: दुनिया भर के देशों की मेहनत और सपनों पर ब्रेक लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नोबेल ड्रीम आखिर टूट गयाट्रंप खुद को दुनिया का शांतिदूत साबित करने के लिए, नोबेल पीस पुरूस्कार के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार दिखेकई देश ट्रंप की इस सनक का शिकार हुए तो कई देशों ने ट्रंप को नॉमिनेट करने के बहाने फायदा भी उठाया

Vande Bharat: नोबेल पीस प्राइज के लिए दुनियाभर में शांति का दूत होने का ढिंढोरा पीट रहे ट्रंप का सपना टूट गया हैसाल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया मचाडो को मिलने जा रहा हैनोबेल प्राइज कमेटी ने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही से लोकतंत्र की ओर शांतिपूर्ण बदलाव लाने के लिए मारिया को इस पुरस्कार के लिए चुना है, लेकिन इस ऐलान के बाद जितनी चर्चा मारिया मचाडो की हो रही हैउससे कहीं ज्यादा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मजाक बनाया जा रहा हैइससे जुड़े मीम, AI वीडियो और कार्टून सोशल मीडिया की दुनिया में जमकर वायरल हो रहे हैं जिसकी बड़ी वजह है ट्रंप का नोबेल पीस प्राइज हासिल करने के लिए फ्रस्ट्रेशन जिसे वो कई बार जगजाहिर कर चुके हैं

ट्रम्प को नोबेल नहीं मिलने पर अमेरिका ने नोबेल प्राइज कमेटी पर पक्षपात का आरोप लगाया हैव्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के साथ बात करते हुए कहा कि नोबेल कमेटी ने एक बार फिर साबित किया कि वे शांति से ज्यादा राजनीति को तरजीह देते हैं ट्रंप के नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने के उतावलेपन के चक्कर में कई देशों ने इसका फायदा जमकर उठाया और लगभग 8 देशों ने उन्हें पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट कर रखा थाइसमें सबसे ज्यादा चर्चा में नाम इजराइल और पाकिस्तान का थाइजराइल ने गाजा युद्ध के दौरान ट्रंप को नोबेल पीस प्राइज के लिए नॉमिनेट कर अमेरिका से जमकर मदद हासिल कीउधर पाकिस्तान ने भी ट्रंप का खूब फायदा उठाया ऑपरेशन सिंदूर के दौरान खुलकर सीजफायर का क्रेडिट ट्रंप को दिया था और इसके एवज में कई रिययते अमेरिका से हासिल कर ली, लेकिन नोबेल कमेटी ने पाकिस्तान की उम्मीदों पर भी पानी फेर दिया