CM Pushkar Singh Dhami: शिबू सोरेन के निधन से CM पुष्कर सिंह धामी शोकाकुल.. सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर झारखंड के पूर्व CM को दी श्रद्धांजलि

शिबू सोरेन को 24 जुलाई 2004 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि जमानत पर रिहा होने के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किया गया। वे पहली बार 2005 में 10 दिनों के लिए (2 मार्च से 12 मार्च तक) मुख्यमंत्री रहें।

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  • Publish Date - August 4, 2025 / 01:23 PM IST,
    Updated On - August 4, 2025 / 01:24 PM IST

CM Pushkar Singh Dhami Tweet on shibu soren || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • CM धामी ने शिबू सोरेन के निधन पर शोक जताया
  • शिबू सोरेन ने जनजातीय उत्थान के लिए जीवन समर्पित किया
  • देशभर के नेताओं ने सोशल मीडिया पर दी श्रद्धांजलि

CM Pushkar Singh Dhami Tweet on shibu soren: रायपुर: झामुमो संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। उनके बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह जानकारी दी। 81 वर्षीय शिबू सोरेन किडनी संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से अधिक समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज करा रहे थे।

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शिबू सोरेन के निधन पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक प्रकट किया है। उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। उनका संपूर्ण जीवन पिछड़ों और जनजाति के उत्थान के प्रति समर्पित रहा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत की आत्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों व समर्थकों को यह असीम दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।”

इन नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लिखा। “श्री शिबू सोरेन जी का निधन सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है। उन्होंने आदिवासी पहचान और झारखंड राज्य के निर्माण के लिए संघर्ष किया। जमीनी स्तर पर अपने कार्यों के अलावा, उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसद के रूप में भी योगदान दिया। जन कल्याण, विशेषकर आदिवासी समुदायों के प्रति उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। मैं उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी, परिवार के अन्य सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूँ।”

CM Pushkar Singh Dhami Tweet on shibu soren: इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “श्री शिबू सोरेन जी एक जमीनी स्तर के नेता थे, जो लोगों के प्रति अटूट समर्पण के साथ सार्वजनिक जीवन में आगे बढ़े। वह विशेष रूप से आदिवासी समुदायों, गरीबों और वंचितों को सशक्त बनाने के बारे में भावुक थे। उनके निधन से दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। झारखंड के सीएम श्री हेमंत सोरेन जी से बात की और संवेदना व्यक्त की। ओम शांति।”

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गाँधी ने लिखा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और JMM के वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन जी के निधन का समाचार सुनकर गहरा दुख हुआ। आदिवासी समाज की मज़बूत आवाज़, सोरेन जी ने उनके हक़ और अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष किया। झारखंड के निर्माण में उनकी भूमिका को हमेशा याद रखा जाएगा। हेमंत सोरेन जी और पूरे सोरेन परिवार के साथ-साथ गुरुजी के सभी समर्थकों को गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”

CM Pushkar Singh Dhami Tweet on shibu soren: पड़ोसी राज्य झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर छत्तीगसढ़ के मुखिया विष्णु देव साय ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्हों एक पोस्ट में लिखा, “झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिबू सोरेन जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। मैं उनके निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। जनजातीय समुदाय के उत्थान और झारखंड के विकास में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें। ॐ शांति!”

बेटे हेमंत ने किया tweet

हेमंत सोरेन ने एक्स पर पोस्ट किया, “आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सबको छोड़कर चले गए हैं… मैं आज शून्य हो गया हूं।” बता दें कि, शिबू सोरेन लंबे समय से नियमित रूप से अस्पताल में इलाज करा रहे थे। हेमंत सोरेन ने 24 जून को कहा था, “उन्हें हाल ही में यहां भर्ती कराया गया था, इसलिए हम उन्हें देखने आए थे। उनके स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों की फिलहाल जांच की जा रही है।” शिबू सोरेन पिछले 38 वर्षों से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता रहे हैं और उन्हें पार्टी के संस्थापक संरक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है।

कैसा रहा शिबू सोरेन का सियासी जीवन?

CM Pushkar Singh Dhami Tweet on shibu soren: शिबू सोरेन वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता थे। सोरेन 1980 से 1984, 1989 से 1998 और 2002 से 2019 तक दुमका से लोकसभा के सांसद भी रहें। मनमोहन सिंह की सरकार में शिबू सोरेन कोयला मंत्री बनें लेकिन चिरूडीह कांड मामले में वारंट जारी होने पर उन्हे मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। यह 30 साल पुराने चिरूडीह कांड में 11 लोगों की हत्या से जुड़ा मामला था।

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सक्रिय राजनीति से दूर

शिबू सोरेन को 24 जुलाई 2004 को केन्द्रीय मंत्रीमंडल से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। हालांकि जमानत पर रिहा होने के बाद, केंद्रीय मंत्रिमंडल में फिर से शामिल किया गया। वे पहली बार 2005 में 10 दिनों के लिए (2 मार्च से 12 मार्च तक) मुख्यमंत्री रहें। 2005 में विधानसभा चुनावों के बाद विवादस्पद तरीक़े से झारखंड के सीएम बने। विधानसभा में बहुमत नहीं मिलने के कारण उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। फिर 2008 से 2009 तक और फिर 2009 से 2010 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहें। पिछले कुछ समय से वह सक्रिय राजनीती से दूर थे। वह अक्सर बीमार भी रहते थे।