उत्तराखंड सरकार से नीतीश कटारा की मां को सुरक्षा देने के लिए कहा गया है: केंद्र ने अदालत को बताया

उत्तराखंड सरकार से नीतीश कटारा की मां को सुरक्षा देने के लिए कहा गया है: केंद्र ने अदालत को बताया

  •  
  • Publish Date - November 20, 2020 / 10:48 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:36 PM IST

नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) केंद्र ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को अवगत कराया कि उसने उत्तराखंड सरकार से नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराने को कहा है । नीलम ने एक याचिका में कहा है कि उनकी जान को खतरा है और वह जल्द देहरादून रहने चली जाएंगी इसलिए उन्हें सुरक्षा की जरूरत है।

नीतीश कटारा की 2002 में हत्या कर दी गयी थी।

केंद्र सरकार ने कहा कि गृह मंत्रालय ने नीलम को सुरक्षा मुहैया करा रही दिल्ली पुलिस से भी अदालत में लंबित मामलों या चिकित्सा कारणों से उनके राष्ट्रीय राजधानी आने पर उनकी सुरक्षा करने को कहा है।

न्यायमूर्ति विभू बाखरु ने केंद्र से नीलम को खतरे का आकलन करने और एक हलफनामा दाखिल करने को कहा। मामले में अगले साल 14 जनवरी को सुनवाई होगी।

सुनवाई के दौरान नीलम की ओर से पेश वकील प्रदीप डे ने दलील दी कि उन्हें दिल्ली से देहरादून आवाजाही के दौरान भी सुरक्षा मुहैया करायी जाए क्योंकि उन्हें उत्तरप्रदेश के कुछ हिस्सों से होकर आना होगा। इसलिए उत्तरप्रदेश सरकार को भी इस दौरान उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा जाए।

इस पर केंद्र के वकील ने हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने का अनुरोध किया।

केंद्र सरकार के स्थायी वकील गौरांग कंठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस नीलम को सुरक्षा मुहैया करा रही है और गृह मंत्रालय ने पुलिस को स्थानीय खतरे का आकलन करते हुए इसे जारी रखने को कहा है।

उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि नीलम को 2002 से ही सुरक्षा मुहैया करायी जा रही है और वह आर्थिक तथा कुछ अन्य कारणों से महीने के अंत तक दिल्ली से देहरादून रहने चली जाएंगी। नीलम के वकील ने कहा था कि उनकी जान को खतरा है और उच्च न्यायालय के पास केंद्र प्राधिकार को दिल्ली और देहरादून दोनों जगहों पर उनकी सुरक्षा मुहैाय कराने के लिए निर्देश देने का अधिकार है।

उच्च न्यायालय ने पूर्व में केंद्र से नीलम की याचिका पर जवाब देने को कहा था। इस याचिका में नीलम ने उत्तराखंड में अपनी सुरक्षा के लिए केंद्र को निर्देश देने का अनुरोध किया था।

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप