उत्तराखंड: ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करेगी अनुसंधानकर्ताओं की टीम

उत्तराखंड: ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करेगी अनुसंधानकर्ताओं की टीम

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  • Publish Date - February 20, 2021 / 10:44 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:23 PM IST

रैणी (उत्तराखंड), 20 फरवरी (भाषा) हाल में हुए हिमस्खलन के बाद ऋषिगंगा के ऊपर बनी कृत्रिम झील का निरीक्षण करने के लिए शोधकर्ताओं का एक दल शनिवार को पैंग गांव पहुंचा जो इसका आकलन करेगा कि इससे (कृत्रिम झील) नीचे के क्षेत्र के लिए कितना बड़ा खतरा उत्पन्न हुआ है।

टीम का नेतृत्व उत्तराखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (यूएसएसी) के निदेशक एम पी एस बिष्ट कर रहे हैं। इस टीम में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और यूएसएसी से चार-चार वैज्ञानिक शामिल हैं। यह टीम शनिवार शाम या रविवार तक पैदल झील तक पहुंचने की कोशिश करेगी।

चूंकि रैणी ग्राम पंचायत के आसपास के क्षेत्र में सड़कें हाल ही में आयी बाढ़ में बह गई हैं और विशाल इलाका दलदल में तब्दील हो गया है इसलिए टीम के सदस्यों की झील तक की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया गया है। टीम के साथ नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग का एक पर्वतारोही दल व एसडीआरएफ के जवान भी हैं।

यूएसएसी के निदेशक बिष्ट ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम हिमस्खलन के कारण राउथी धारा से भारी मात्रा में आयी गाद से ऋषिगंगा के ऊपर बनी झील का निरीक्षण करेंगे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम शाम तक उड़ियारी पहुंचने की उम्मीद करते हैं जो झील के ऊपर स्थित है। रविवार तक, झील का निरीक्षण करने और इसकी भौगोलिक माप लेने के लिए हम झील तक पहुंच सकते हैं। ऋषिगंगा के नीचे की ओर रहने वाली आबादी के लिए झील कितना बड़ा खतरा पैदा कर सकती है, यह केवल इस बात से पता किया जा सकता है कि इसमें कितना पानी है।’’

उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के सोनोग्राफिक उपकरणों का उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि झील में कितना पानी है।

बिष्ट ने कहा कि हैदराबाद के सोनोग्राफी विशेषज्ञों द्वारा भी झील में पानी की मात्रा का पता लगाये जाने की उम्मीद है।

बिष्ट ने कहा कि उनकी टीम डीआरडीओ टीम के निष्कर्षों को भी अपने विश्लेषण में शामिल करेगी जिसने झील का दौरा किया था।

भाषा अमित पवनेश

पवनेश