अधिकरणों में रिक्तियां: न्यायालय ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वालों को धैर्य रखने को कहा

अधिकरणों में रिक्तियां: न्यायालय ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वालों को धैर्य रखने को कहा

अधिकरणों में रिक्तियां: न्यायालय ने तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वालों को धैर्य रखने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: February 17, 2022 3:36 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने देश भर के विभिन्न अधिकरणों में खाली पड़े पदों को भरने से संबंधित याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वाले वादियों को धैर्य रखने की बृहस्पतिवार को सलाह दी।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि वह इस मुद्दे से जुड़ी याचिकाओं पर 23 फरवरी को विचार करेगी। पीठ ने यह जिक्र किया उसने अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल को इसमें सहायता के लिए तैयार रहने को कहा है।

जब एक वकील ने अपनी याचिका की जल्द सुनवाई किए जाने पर जोर दिया तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘जनहित याचिका के मामलों में भी, आप बहुत हंगामा करते हैं। क्या हम सरकार को आज बुला सकते हैं और उसे जेल भेज सकते हैं। कृपया कुछ धैर्य रखें, हम इस मामले को देख रहे हैं।’

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पीठ ने कहा, ‘‘हम मामले को देख रहे हैं। कल हमने अटॉर्नी जनरल को बुलाया था और हम इस पर 23 फरवरी को सुनवाई करेंगे।’’

आयकर अपीलीय अधिकरण (आईटीएटी) में खाली पदों और इसके सदस्यों से संबंधित कुछ याचिकाओं का तत्काल सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को उल्लेख किया गया।

इससे पहले बुधवार को, उच्चतम न्यायालय ने एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए अधिकरणों में रिक्त पदों को भरने में ‘बिना सोचे’ की गई कार्रवाई पर अफसोस जताया और कहा कि नौकरशाही इस मुद्दे को ‘हल्के’ में ले रही है।

प्रधान न्यायाधीश रमण की अध्यक्षता वाली पीठ देश भर के विभिन्न अधिकरणों में बड़ी संख्या में रिक्तियों के मुद्दे पर गौर कर रही है। पीठ ने कहा था कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद, कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुयी।

पीठ ने कहा था कि एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के सदस्यों के लिए समय बढ़ाने की खातिर याचिकाएं मिल रही हैं। पीठ ने कहा कि शुरू में कुछ नियुक्तियों के बाद कुछ नहीं हुआ। पीठ ने कहा कि उसे सदस्यों के भविष्य के बारे में पता नहीं है और कई सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। पीठ ने कहा कि नौकरशाही इस विषय को हल्के में ले रही है।

अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल रिक्तियों से संबंधित मामलों का निस्तारण करने में पीठ की सहायता कर रहे हैं। उन्होंने रिक्तियों की सूची और उन्हें भरने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने का प्रयास किया था।

पीठ ने कहा था कि वह इस विषय पर दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी।

पिछले साल अगस्त में सुनवाई में उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश भर के विभिन्न प्रमुख अधिकरणों और अपीलीय अधिकरणों में करीब 250 पद खाली हैं।

केंद्र ने सितंबर में अपने हलफनामे में कहा था कि उसने छह अधिकरणों में 84 नियुक्तियां की हैं।

भाषा अविनाश सुभाष

सुभाष


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