वरवरा राव के दामादों को एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में तलब किया

वरवरा राव के दामादों को एनआईए ने एल्गार परिषद मामले में तलब किया

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  • Publish Date - September 7, 2020 / 12:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:42 PM IST

हैदराबाद, सात सितंबर (भाषा) एल्गार परिषद मामले में गिरफ्तार किये गये तेलुगू कवि और लेखक वरवरा राव के दो दामादों ने सोमवार को कहा कि एनआईए ने उन्हें नोटिस भेजकर एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए कहा है।

शहर स्थित ‘इंग्लिश एंड फॉरिन लैंग्वेजिज यूनिवर्सिटी’ (ईएफएलयू) के प्रोफेसर के. सत्यनारायण और एक अंग्रेजी अखबार में पत्रकार उनके दूसरे दामाद ने कहा कि उन्हें राष्ट्रीय जांच एजेंसी, मुंबई से नोटिस मिले हैं जिनमें उन्हें नौ सितंबर को उसके समक्ष गवाहों के तौर पर प्रस्तुत होने को कहा गया है।

सत्यनारायण ने कहा कि उनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है।

महाराष्ट्र पुलिस ने अगस्त, 2018 में यहां प्रोफेसर के घर पर छापे मारे थे।

महाराष्ट्र पुलिस ने एल्गार परिषद-माओवादियों के संपर्क के मामले में वरवरा राव और नौ अन्य कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। शुरुआत में पुणे पुलिस ने मामले की जांच की थी और बाद में इस साल जनवरी में इसे एनआईए को हस्तांतरित कर दिया गया।

मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में एल्गार परिषद कॉन्क्लेव में दिये गये कथित भड़काऊ भाषणों से जुड़ा है। पुलिस का दावा है कि इन भाषणों के बाद अगले दिन कोरेगांव भीमा स्मारक के पास हिंसा भड़क उठी थी।

एनआईए के नोटिसों में प्रोफेसर और पत्रकार से गवाह के तौर पर पेश होकर मामले से संबंधित कुछ प्रश्नों के उत्तर देने के लिए कहा गया है।

सत्यनारायण ने एक बयान में कहा, ‘‘यह सच है कि मैं वरवरा राव का रिश्तेदार हूं लेकिन मैं यह बात दोहराता हूं कि मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एनआईए का नोटिस ऐसे समय में हमारे परिवार के लिए परेशानी बढ़ाने वाला है जब वरवरा राव की सेहत बहुत अच्छी नहीं है और मुंबई में कोविड-19 महामारी तेजी से बढ़ रही है। मुझे इस संकट के समय मुंबई तलब किया गया है।’’

पुणे पुलिस ने यह दावा भी किया था कि माओवादियों से कथित रूप से संपर्क रखने वाले लोगों द्वारा सम्मेलन का आयोजन किया गया था।

भाषा वैभव शाहिद

शाहिद