नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को घोषणा की कि 18 दिसंबर (बृहस्पतिवार) से राष्ट्रीय राजधानी में वैध प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
सिरसा ने कहा कि वाहन मालिकों को नियम का पालन करने के लिए एक दिन का समय दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘कल के बाद, जिन वाहनों के पास वैध पीयूसी प्रमाणपत्र नहीं होगा, उन्हें ईंधन नहीं दिया जाएगा।’’
मंत्री ने दावा किया कि इस साल दिल्ली की वायु गुणवत्ता पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में लगभग आठ महीने बेहतर रही। उन्होंने स्वीकार किया कि हाल ही में प्रदूषण का स्तर बढ़ा है, लेकिन दावा किया कि मौजूदा सरकार की ओर से गत दस महीनों से की जा रही कोशिशों के कारण स्थिति अब भी पिछले साल से बेहतर है।
सिरसा ने विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि दिल्ली को ‘बदतर बनाने’ के बाद अब वह प्रदूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करके ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने सवाल किया कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने अपने कार्यकाल में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कौन से ठोस कदम उठाए थे।
मंत्री ने कहा कि सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए रोजाना कदम उठा रही है, जिसमें कचरे के ढेरों की ऊंचाई 15 मीटर कम करना और 45 एकड़ भूमि की सफाई और पुनर्चक्रण करना शामिल है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने अब तक 2,000 से अधिक प्रदूषण निगरानी संयंत्र भी स्थापित किए हैं।
सिरसा ने कहा कि जैविक पदार्थों से खाद बनाने वाले संयंत्र प्रदूषण में योगदान करते हैं, और सरकार ने उत्सर्जन को कम करने और स्वच्छ संचालन सुनिश्चित करने के लिए हीटर उपलब्ध कराए हैं। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी गई है और पीयूसी नियमों के उल्लंघन पर चालान काटे जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने शहर में प्रदूषण के 13 प्रमुख क्षेत्रों की पहचान की है, संबंधित एजेंसियों को इनसे निपटने के लिए आमंत्रित किया है।
सिरसा ने दावा किया है कि कोविड काल को छोड़कर, इन स्थानों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) का स्तर इस वर्ष पिछले एक दशक की तुलना में कम रहा है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
सिरसा ने कहा कि सरकार स्वच्छ सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है और शहर में 7,500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना है, जिससे वाहनों से होने वाला प्रदूषण काफी हद तक कम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि एक वैज्ञानिक समिति का गठन किया गया है और प्रदूषण नियंत्रण के प्रभावी उपायों की सिफारिश करने के लिए बैठकें भी की गई हैं।
भाषा धीरज दिलीप
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