‘वोट चोरी’ भारत की मूल अवधारणा पर हमला: सिद्धरमैया

'वोट चोरी' भारत की मूल अवधारणा पर हमला: सिद्धरमैया

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  • Publish Date - December 14, 2025 / 09:27 PM IST,
    Updated On - December 14, 2025 / 09:27 PM IST

नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 14 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर कथित ‘वोट चोरी’ को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि फासीवाद की शुरुआत सड़कों पर हिंसा से नहीं होती, बल्कि यह संस्थानों की चोरी, व्यवस्थाओं में धीमे हेरफेर और अंत में चुनावों की चोरी से शुरू होता है।

मुख्यमंत्री ने ‘वोट चोरी’ को भारत की मूल अवधारणा पर हमला करार देते हुए कहा कि कर्नाटक के आलंद निर्वाचन क्षेत्र में लगभग 6,000 मतदाताओं के नाम हटाने के कथित प्रयास के आरोप में पूर्व भाजपा विधायक, उनके बेटे और अन्य लोगों के खिलाफ विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा आरोप पत्र दाखिल करना एक महत्वपूर्ण कानूनी कदम है।

सिद्धरमैया दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस द्वारा आयोजित ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि दुनिया भर के सत्तावादी शासन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बचाने का नाटक करते हुए उसमें धांधली करते हैं और भाजपा आज यही कर रही है।

उनके अनुसार, भाजपा संस्थाओं पर कब्जा करती है, चुनाव मशीनरी को डराती है, मतदाता सूचियों को विकृत करती है और विपक्ष के क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत को कम करने की कोशिश करती है।’’

उन्होंने कहा कि ‘‘चुराए गए वोटों’’ से जन्मी सरकार लोकतांत्रिक नहीं, बल्कि एक ऐसी सरकार है जो लोगों से डरती है, जनादेश में हेरफेर करती है और केवल छल से जीवित रहती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद से गणराज्य के लिए भाजपा की ‘वोट चोरी’ सबसे बड़ा खतरा है।

सिद्धरमैया ने कहा कि इस कठिन समय में राहुल गांधी एकमात्र नेता हैं जो ‘वोट चोरी’के खिलाफ पूरी ताकत से डंटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मतदाता सूचियों में विसंगतियों, बूथ स्तर पर हेरफेर और व्यवस्थित, संगठित वोट चोरी की ओर इशारा करने वाले पैटर्न की जांच की और जनता के समक्ष लाया।

सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘वोट चोरी केवल संख्याओं का खेल नहीं है, यह हमारे गणराज्य की आत्मा, गरिमा और समानता का मामला है।’’

भाषा सुमित धीरज

धीरज