Waqf Ammedment Bill 2025 Hindi Information || Image- Imran Msood Facebook
Waqf Ammedment Bill 2025 Hindi Information: नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया गया, जिस पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे “संविधान विरोधी” करार दिया और सवाल उठाया कि सरकार 6 महीने में वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण कैसे कर सकती है, जब यह काम 10 साल में नहीं हो सका?
मसूद ने कहा कि वक्फ संपत्तियों की खोज के लिए बने वामसी पोर्टल का बार-बार जिक्र किया जा रहा है, लेकिन 10 साल में सभी संपत्तियों का पंजीकरण नहीं हो सका। अब सरकार 6 महीने के अंदर पंजीकरण पूरा करने की बात कर रही है और अगर ऐसा नहीं हुआ तो संपत्तियां वक्फ की नहीं मानी जाएंगी। उन्होंने पूछा, “जब 10 साल में यह काम नहीं हुआ, तो अब 6 महीने में कैसे होगा?”
Waqf Ammedment Bill 2025 Hindi Information: इस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में कहा कि भारत में दुनिया की सबसे ज्यादा वक्फ संपत्तियां हैं, लेकिन इनका उपयोग गरीब मुसलमानों की शिक्षा, चिकित्सा, कौशल विकास और आय सृजन के लिए नहीं किया गया। रिजिजू ने पूछा, “अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गरीब मुसलमानों की बेहतरी के लिए काम कर रही है, तो विपक्ष को आपत्ति क्यों है?”
#WATCH | #WaqfAmendmentBill | Congress MP and Imran Masood says, “WAMSI portal was being mentioned again and again…10 years is a long time. You could not register all properties in 10 years…You could not do this work in 10 years but now you say that properties have to be… pic.twitter.com/RwkRU07CSc
— ANI (@ANI) April 2, 2025
रिजिजू ने यह भी बताया कि देश में वक्फ संपत्तियों की संख्या और उनकी आय दोनों बढ़ी हैं। 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनकी कुल आय 163 करोड़ रुपये थी वही 2024 तक यह संख्या बढ़कर 8.72 लाख हो गई है। “अगर इन संपत्तियों का सही प्रबंधन हो, तो न सिर्फ मुसलमानों का बल्कि पूरे देश का विकास हो सकता है,” उन्होंने कहा।
Waqf Ammedment Bill 2025 Hindi Information: रिजिजू ने बताया कि नए संशोधन के तहत वक्फ बोर्ड में सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व होगा। अब शिया, सुन्नी, बोहरा, पिछड़े मुस्लिम, महिलाएं और विशेषज्ञ गैर-मुस्लिम भी बोर्ड में शामिल होंगे। “अब वक्फ बोर्ड में 4 गैर-मुस्लिम सदस्य भी हो सकते हैं, जिनमें से 2 महिला सदस्य अनिवार्य होंगी,” उन्होंने जोड़ा। विधेयक में नई व्यवस्था की गई है जिसके तहत केंद्रीकृत डेटाबेस और डिजिटल पोर्टल लागू होगा। वक्फ संपत्तियों की पंजीकरण, ट्रैकिंग और निगरानी होगी। गोपनीयता खत्म होगी और सब कुछ पारदर्शी तरीके से रिकॉर्ड किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने बताया की, ब्यूरोक्रेसी की देरी को रोकने और ऑडिटिंग की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
इसके साथ ही मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक 2024 भी लोकसभा में पेश किया गया। यह विधेयक 1995 के वक्फ अधिनियम में संशोधन करने के लिए लाया गया है, ताकि वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में सुधार किया जा सके।
Waqf Ammedment Bill 2025 Hindi Information: बहरहाल इस विधेयक को लेकर संसद में जबरदस्त बहस हो रही है। कांग्रेस और विपक्ष इसे संविधान विरोधी बता रहे हैं, जबकि सरकार का दावा है कि इससे वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग होगा और पारदर्शिता आएगी। अब देखना होगा कि यह विधेयक संसद में पारित होता है या नहीं।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया और इस पर अपनी राय रखी। गृहमंत्री अमित शाह ने साफ किया कि गैर-मुस्लिम व्यक्ति को वक्फ की संपत्तियों से जुड़ी धार्मिक गतिविधियों में शामिल नहीं किया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग डर फैलाकर वोटबैंक की राजनीति कर रहे हैं और जनता को भ्रमित कर रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि अगर 2013 में कांग्रेस सरकार ने संशोधन नहीं किया होता, तो आज यह नया बिल लाने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दिल्ली के लुटियंस जोन की 125 संपत्तियां वक्फ को दे दी थीं। गृहमंत्री ने कहा कि हर राज्य में वक्फ की जमीनों पर अवैध कब्जे हैं, जिन पर ध्यान देने की जरूरत है। नए बिल का मकसद वक्फ संपत्तियों का सही रखरखाव और पारदर्शिता लाना है। उन्होंने कहा कि जहां भी वक्फ की संपत्ति घोषित होती है, उसकी जांच होनी चाहिए।
Waqf Ammedment Bill 2025 Hindi Information: शाह ने बताया कि, मुतव्वली (प्रबंधक) कोई गैर-मुस्लिम नहीं होगा, यानी वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन मुस्लिम व्यक्ति ही करेगा। ऑडिट प्रक्रिया से पारदर्शिता आएगी, जिससे कोई भी गलत तरीके से संपत्ति पर कब्जा नहीं कर सकेगा। शाह ने यह भी कहा कि वक्फ संपत्ति की सत्यापन प्रक्रिया सिर्फ कलेक्टर ही कर सकता है, कोई और नहीं।
सरकार का मानना है कि 2013 में किए गए बदलावों के कारण कई समस्याएं खड़ी हो गईं, जिन्हें ठीक करने के लिए यह नया संशोधन लाया गया है। अमित शाह ने साफ किया कि सरकार का मकसद सभी संपत्तियों का सही प्रबंधन और अवैध कब्जों को रोकना है।