नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के महासचिव डी. राजा ने शुक्रवार को वामपंथी एकता का आह्वान किया और कहा कि ‘‘समाजवादी भारत’’ बनाने तथा देश को ‘‘फासीवादी’’ ताकतों से बचाने की जरूरत है।
राजा ने पार्टी की स्थापना के 100 साल पूरे होने पर भाकपा मुख्यालय अजय भवन में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आगे बड़ी चुनौतियां हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘आज हम जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उन्हें गंभीरता से समझना चाहिए। पिछले 100 वर्षों में पार्टी को कई असफलताओं का सामना करना पड़ा। कई समूह उभरे और कम्युनिस्ट आंदोलन आज विभाजित हो गया है।’’
राजा ने कहा, ‘‘यह कब तक जारी रह सकता है? वामपंथी आंदोलन विभाजित है…ब्रिटिश काल के दौरान, हम लड़ रहे थे और एक साथ प्रयास कर रहे थे। वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति में वामपंथी कब तक ऐसे रह सकते हैं।’’
उन्होंने कहा कि हाल ही में चंडीगढ़ में हुए पार्टी सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
राजा ने कहा, ‘‘एक राजनीतिक दल के रूप में हम लगातार वामपंथी एकता की अपील करते रहे हैं… जब हम एकीकरण का आह्वान करते हैं, तो दूसरों को भी गंभीर आत्मनिरीक्षण करना पड़ता है।’’
उन्होंने सवाल किया, ‘‘जब फासीवादी ताकतें राजनीतिक इकाइयों को तोड़ रही हैं, तो कम्युनिस्ट कब तक बने रह सकते हैं।’’
वरिष्ठ वामपंथी नेता ने दावा किया कि देश पर ‘सांप्रदायिक-फासीवादी ताकतों’ का हमला हो रहा है।
भाकपा के राज्यसभा सदस्य पी. संदोष कुमार ने कहा कि पार्टी को असफलताओं का सामना करना पड़ा है लेकिन यह देश भर में एक मजबूत ताकत बनी हुई है और आम लोगों के मुद्दों को उठा रही है।
कुमार ने ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा को बताया, ‘‘संसद और राज्य विधानसभाओं में हमारी दृश्यता उतनी संतोषजनक नहीं है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि भाकपा एक छोटी ताकत है। यह सैकड़ों जिलों, हजारों गांवों में एक सक्रिय राजनीतिक दल है।”
उन्होंने कहा, “चुनावी राजनीति पूरी तरह से बदल गई है और बदलती स्थिति का सामना करना बहुत मुश्किल है। हम जातिवादी पार्टी या किसी विशेष धर्म का समर्थन करने वाली पार्टी नहीं हो सकते… कुछ सीमाएं हैं।”
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