Vande Bharat: जर्जर स्कूल में पढ़ाई..जान पर बन आई! क्या जर्जर स्कूलों को लेकर पहले भी शिकायतें की गई थीं? देखें वीडियो

Rajasthan News: जर्जर स्कूल में पढ़ाई..जान पर बन आई! क्या जर्जर स्कूलों को लेकर पहले भी शिकायतें की गई थीं? देखें वीडियो

Vande Bharat: जर्जर स्कूल में पढ़ाई..जान पर बन आई! क्या जर्जर स्कूलों को लेकर पहले भी शिकायतें की गई थीं? देखें वीडियो

Rajasthan News | Photo Credit: IBC24

Modified Date: July 25, 2025 / 11:52 pm IST
Published Date: July 25, 2025 11:52 pm IST
HIGHLIGHTS
  • स्कूल की जर्जर इमारत गिरी
  • 7 मासूमों की मौत, 34 घायल
  • स्थानीयों ने पहले भी की थी शिकायतें

राजस्थान: Rajasthan News शुक्रवार को राजस्थान के एक सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत ढह गई। जिसमें 7 बच्चों की मौत हो गई। चपेट में आकर लगभग 34 बच्चे घायल हो गए। हैरत की बात ये है कि 50 साल पुराने स्कूल बिल्डिंग की खस्ता हालत को लेकर कई बार शिकायतें भी की गईं, लेकिन हुआ कुछ नहीं, नतीजा भुगतना पड़ा है बच्चों को, उनके परिवारों को।

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Rajasthan News ये चीख पुकार, ये बिलखते और तड़पते लोग मलबे के ढेर से अपने नौनिहालों को तलाशते परिजन, ये राजस्थान के झालावाड़ जिले के पीपलोदी गांव की है। जहां के सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत ढह जाने के चलते कई बच्चों की मौत हो गई। स्कूल की छत ढहते ही वहां बच्चों में चीख पुकार मच गई। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे ग्रामीण और परिजन भयावह हालात देखकर बदहवाश हो गए। वे पत्थरों के नीचे दबे अपने बच्चों को तलाशने में जुट गए। इस दौरान जिसने भी ये चीख पुकार सुनी उनका कलेजा कांप गया।

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हादसे के दौरान क्लास में तकरीबन 60 स्टूडेंट्स मौजूद थे। वहीं गंभीर रुप से घायल बच्चों को झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। इस हादसे के खबर लगते ही लोगों की आंखू में आंसू और पीड़ा का ज्वार उफन आया। इस हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दुख जताते हुए घायल बच्चों के स्वस्थ होने की कामना की। राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने भी X पोस्ट कर लिखा कि- ये दर्दनाक हादसा अत्यंत दुखद है। साथ ही सरकार ने पीड़ितों के समुचित उपचार और हादसे की उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही।

राजस्थान के सरकारी स्कूल की जर्जर इमारत ढहने से केवल बच्चों की मौत नहीं हुई है बल्कि ये सरकार और सिस्टम की मौत है जो अपने देश के भविष्य को सुरक्षित नहीं रख सकते। ये सरकारेंना तो अच्छी शिक्षा दे पाती हैं और ना ही उनकी जिंदगी संवारने का भरोसा अब भले ही जांच-जांच का खेल हो, कुछ जिम्मेदार भी तय कर दिए जाएं। उन पर कार्रवाई भी हो जाए, लेकिन क्या ये सब बच्चों को वापस ला सकते हैं? क्या हादसे के पहले इन जर्जर स्कूलों की किसी को खबर नहीं रही होगी? अगर समय रहते सरकार, जनप्रतिनिधि और सिस्टम के जिम्मेदार जाग जाते तो ये हादसा नहीं होता। जागिए हुजूर क्योंकि अभी भी कई जर्जर स्कूल हैं। कम से कम वहां तो हादसा होने से रोक लीजिए।


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।