कोविड से अनाथ हुए बच्चों पर पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों का रवैया असंवेदनशील: एनसीपीसीआर प्रमुख

कोविड से अनाथ हुए बच्चों पर पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों का रवैया असंवेदनशील: एनसीपीसीआर प्रमुख

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  • Publish Date - June 7, 2021 / 09:09 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

नयी दिल्ली, सात जून (भाषा) राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोमवार को कहा कि कोरोना वारयरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों का रवैया असंवेदनशील है क्योंकि इन्होंने इन बच्चों के संदर्भ में अब तक पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराई है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर सभी राज्यों को बच्चों के उपचार की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

कानूनगो ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘अनाथ बच्चों की मदद को लेकर कई राज्य सरकारों ने तेजी से काम किया है। यह अच्छा संकेत है कि हम बच्चों की मदद के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहे हैं। अफसोस की बात है कि पश्चिम बंगाल और दिल्ली दो राज्य ऐसे हैं, जहां इन बच्चों का सर्वे नहीं कराया गया और हमें पूरी जानकारी नहीं दी गई है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बच्चों के प्रति इन दोनों सरकारों के रवैये को संवेदनशील नहीं कहा जा सकता।’’

उल्लेखनीय है कि एनसीपीसीआर ने पिछले दिनों उच्चतम न्यायालय को बताया कि 29 मई तक राज्यों की ओर से प्रदान किए गए डेटा के मुताबिक 9346 ऐसे बच्चें है जो कोरोना महामारी के कारण बेसहारा और अनाथ हो गए हैं या फिर अपने माता-पिता में से किसी एक को खो दिया है।

एनसीपीसीआर ने ऐसे बच्चों की जानकारी के लिए वेबसाइट ‘बाल स्वराज’ शुरू किया है जहां राज्य अपने यहां का डेटा उपलब्ध करा सकते हैं।

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका का उल्लेख करते हुए कानूनगो ने कहा, ‘‘तीसरी लहर में बच्चे प्रभावित होंगे या नहीं, ये विशेषज्ञों के बताने की बात है। लेकिन मेरा मानना है कि हमें किसी भी परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और बच्चों के इलाज से जुड़े आधारभूत ढांचा को मजबूत रखना चाहिए।’’

उनके मुताबिक, ‘‘आईसीएमआर ने हमें बच्चों के उपचार का प्रोटोकॉल दिया है। हम इसे पूरे देश में प्रसारित करने में लगे हैं। हमारा प्रयास है कि बच्चों के उपचार के लिए स्वास्थ्यकर्मी पूरी तरह तैयार हो जाएं। एंबुलेंस में बच्चों को लाने-लेजाने के लिए उचित दिशानिर्देशा जारी करने की मांग को लेकर हमने स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र भी लिखा है।’’

एनसीसीपीसीआर प्रमुख ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम केयर्स के जरिए इन अनाथ बच्चों की मदद की जो घोषणा की है, उससे इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने और संवारने में मदद मिलेगी।

भाषा हक

हक शाहिद

शाहिद