नई दिल्ली। देश में कोरोना वैक्सीनेशन ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ी है। 21 जून को देश में रिकॉर्ड लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। केंद्र सरकार के ऐलान के बाद राज्यों में महाअभियान के तहत लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा रहा है।
Read More News: वैक्सीनेशन महाअभियान की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी, मध्यप्रदेश पूरे देश में आज रहा दूसरे नंबर पर
इस बीच अब लोगों मन में एक सवाल उठ रहा है कि टीका लगाने के बाद अगर कोरोना हो जाए तो उसपर वायरस का असर कैसा और कितना रहेगा। कई लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि टीका लगाने के बाद कोरोना क्यों हो जा रहा है।
Read More News: SBI के बैंक मैनेजर के खिलाफ CBI ने दर्ज किया मामला, तीन सालों में 11 करोड़ 84 लाख का किया फ्रॉड
इसे लेकर हुई स्टडी में अच्छे संकेत मिले हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की उड़ीसा ब्रांच में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन पर एक स्टडी की गई है। इसका मकसद ये पता लगाना था कि अगर कोरोना वैक्सीन लगने बाद कोई शख्स कोविड-19 से संक्रमित हो जाता है तो उसपर वायरस का कैसा और कितना असर रहेगा।
Read More News: अपहरित युवतियों का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश, परिजनों ने मुस्लिम युवकों पर लगाए गंभीर आरोप
खबरों की माने तो भुवनेश्वर में की गई इस स्टडी में 361 सैंपल की जांच की गई। इसमें से 274 सैंपल उन लोगों के थे जिन्हें वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी थीं और उसके 14 दिन बाद उन्हें कोरोना वायरस हुआ। इन 274 लोगों में से 35 लोगों को कोवैक्सीन लगाई गई थी, और अन्य 239 लोगों को कोवीशील्ड का टीका लगा था। इसके अलावा, 83% से ज्यादा लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए थे, जबकि 14% लोगों में कोविड के लक्षण मिले ही नहीं थे।
Read More News: मिशन 2023…बीजेपी पॉजिटिव ! बीजेपी की नई ‘रण’नीति !
कोविशील्ड से बनीं ज्यादा एंटीबॉडी
वहीं सिर्फ 9% को अस्पताल जाने की जरूरत पड़ी थी, और एक व्यक्ति की मौत हुई। 1 मार्च से 10 जून के बीच की गई इस स्टडी में एक अहम बात यह सामने आई कि 258 लोगों में यानी 94% में एंटीबॉडी बनी थी। जिन लोगों को कोवीशील्ड वैक्सीन लगी थी, उनमें एंटीबॉडी 96.7% थी। जबकि जिन लोगों को को-वैक्सीन लगी थी उनमें एंटीबॉडी 77% बनी। जिन लोगों को कोरोना वायरस का इंफेक्शन हुआ उनकी औसत उम्र 47 वर्ष थी। हालांकि वैक्सीन के बाद कोरोना होने पर खतरा काफी कम रहता है। बता दें कि देश में और नई वैक्सीन को मंजूरी मिली है। वहीं अभी तक सिर्फ इन दो वैक्सीन को लगाई जा रही है। ऐसे में आईसीएमआर की ये रिपोर्ट राहत देने वाली है।
Read More News: नई टीम, पहली बैठक… मिशन 2023 की तैयारी…तय हुआ टारगेट ?