Vande Bharat: केरल में अब ‘जुबां’ पर बवाल! ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना ने जुंबा डांस को लेकर क्यों जताई आपत्ति? देखिए पूरी रिपोर्ट

Kerala Zumba Dance Row: केरल में अब 'जुबां' पर बवाल! ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना ने जुंबा डांस को लेकर क्यों जताई आपत्ति? देखिए पूरी रिपोर्ट

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  • Publish Date - June 28, 2025 / 11:13 PM IST,
    Updated On - June 28, 2025 / 11:13 PM IST

Kerala Zumba Dance Row | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • स्कूलों में "जुंबा डांस" को लेकर विवाद
  • केरल सरकार ने "जुंबा डांस" को स्कूलों किया लागू

नई दिल्ली: Kerala Zumba Dance Row देश में इन दिनों हर अच्छे काम को धार्मिक और रुढिवादी चश्मे से देखने की जिद चल पड़ी है। कभी स्कूलों में बच्चों को अंडे खिलाए जाने पर आपत्ति जताई जाती है तो अब केरल के स्कूल में जुंबा डांस पर बहस छिड़ गई है। मुस्लिम धर्म गुरू इसके खिलाफ है और इसे इस्लामिक ही नहीं बल्कि हिंदुस्तानी तहजीब के भी खिलाफ बाते रहे हैं।

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Kerala Zumba Dance Row बच्चें फिट रहे और स्वस्थ रहे ये कौन नहीं चाहता। बच्चों को फिजिकली एक्टिव रखने के लिए अगर किसी खेल या डांस का सहारा लिया जाए तो ये काम और आसान हो जाता है। इसी नेक इरादे के साथ केरल की लेेफ्ट सरकार ने नशा विरोधी अभियान के तहत स्कूलों में जुम्बा ट्रेनिंग देना शुरू की है। जिसे बच्चे खुलकर इंजॉय कर रहे हैं, लेकिन मुस्लिम मौलानाओं को केरल सरकार का ये प्रयोग रास नहीं आ रहा। इसे पश्चिमी सभ्यया और अश्लीलता से जोड़कर इसे बंद करने की मांग कर रहे हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने इसे बंद करने की मांग करते हुए कहा ‘जुम्बा डांस शरीयत के खिलाफ है। इस्लाम इसे नहीं मानता। केरल सरकार को ये आदेश तुरंत वापस लेना चाहिए। हम इसे हर स्तर पर रोकेंगे।’ फिटनेस के नाम पर यूरोपियन कल्चर थोपने की साजिश रची जा रही है जो इस्लामिक और हिंदुस्तानी तहजीब दोनों के खिलाफ है।

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मौलाना शाहबुद्दीन रजवी के आरोप पर केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने भी जोरदार पलटवार किया। मुस्लिम संगठनों की ऐसी सोच समाज में नशीली दवाओंं से भी ज्यादा घातक है बच्चों को खेलने हंसने मौज-मस्ती करने और स्वस्थ रहने दें। सरकार ने किसी भी बच्चे से कम कपड़े पहनकर डांस करने के लिए नहीं कहा है।

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मंत्री वी शिवनकुट्टी ने स्कूलों में जुबा डांस का एक वीडियों भी सोशल मीडिया पर शेयर किया और उन मुस्लिम धर्म गुरूओं को आइन दिखाया जो जुंबा डांस को कम कपड़े पहनकर अश्लीलता फैलाने का आरोप लगा रहे थे। मौजूदा कंप्यूटर, इंटरनेट और सोशल मीडिया में युग में बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी में कमी आई है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए खेलकूद और फिजिकली एक्टिव रहना जरुरी है। ऐसे में हर अच्छे नए प्रयोग को धार्मिक चश्मे से देखना रुढिवादी सोच को बताता है।

स्कूलों में "जुंबा डांस" को लेकर विवाद क्यों हो रहा है?

केरल सरकार ने जुंबा डांस को स्कूलों में बच्चों के फिटनेस के लिए शामिल किया है, लेकिन कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे शरीयत और हिंदुस्तानी तहजीब के खिलाफ बताया है।

क्या "जुंबा डांस इस्लामिक तौर पर गलत" है?

मौलाना शाहबुद्दीन रजवी जैसे धर्मगुरु का कहना है कि जुंबा डांस शरीयत के खिलाफ है और इसे यूरोपीय संस्कृति थोपने की कोशिश बताया गया है।

केरल सरकार ने "जुंबा डांस" को स्कूलों में क्यों लागू किया है?

सरकार ने इसे बच्चों को शारीरिक रूप से सक्रिय और नशे से दूर रखने के अभियान के तहत शामिल किया है, ताकि वे स्वस्थ और जागरूक बन सकें।