पुरुषों को खास तरह की जड़ी-बूटियां देती है यहां की महिलाएं, नाम है ‘लैला ब्रांड’, पीते ही मचाते हैं तहलका

पुरुषों को खास तरह की जड़ी-बूटियां देती है यहां की महिलाएंः Women here give special types of herbs to men

पुरुषों को खास तरह की जड़ी-बूटियां देती है यहां की महिलाएं, नाम है ‘लैला ब्रांड’, पीते ही मचाते हैं तहलका
Modified Date: November 29, 2022 / 09:00 pm IST
Published Date: June 16, 2022 8:14 pm IST

पटनाः Women here give herbs to men झारखंड से बिहार पहुंचने वाले एक जड़ी-बूटी बेचने वाला महिलाओं का गिरोह एक बार फिर सक्रिय हो गया। महिलाओं का ये गिरोह जड़ी-बूटी की आड़ में शराब की तस्करी को भी अंजाम देती है। ये महिलाएं ट्रेन से सवार होकर वाया भागलपुर अपनी जड़ी-बूटियों की सप्लाई करती हैं। इनकी जड़ी-बूटी को पीते ही पुरुष तहलका मचाने लगता है।

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Women here give herbs to men दरअसल, बिहार में 2016 से शराबबंदी कानून लागू किया गया। इसके बाद से यहां शराब पीना और बेचना दोनों गैरकानूनी हो गया। तब से आज तक बिहार में शराब की तस्करी तेजी के साथ की जा रही है। बिहार में शराब तस्करी को लेकर स्मगलर्स नई-नई तरकीबें इजाद करते रहे हैं। इनके साफ्ट टारगेट में ऐसी महिलाएं होती हैं, जिन्हें पैसे की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वहीं, झारखंड से बिहार में लगातार शराब की तस्करी की जाती रही है। ऐसे में शराब तस्कर आदिवासी बाहुल्य इलाकों की ऐसी महिलाओं, जो जड़ी-बूटियां बेचने का काम करती हैं। उनसे शराब की तस्करी करवा रहे हैं।

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बता दें कि इससे पहले फरवरी में ऐसे ही एक मामले में सात महिलाओं को गिरफ्तार किया था। उनके पास से भारी मात्रा में जड़ी-बूटियां भी बरामद हुई थी। इन्हीं जड़ी-बूटियों के नीचे शराब की खेप छिपाई गई थी। देसी शराब की इस खेप की बरामदगी के बाद सभी हैरान हो गए थे। बता दें बिहार के झारखंड की लैला शराब की डिलीवरी भी तेजी के साथ बिहार में हो रही है। भागलपुर इसका केंद्र बन गया है। माने भागलपुर और झारखंड का बार्डर बेहद करीब है और यहां ऐसे कई गुप्त एंट्री प्वाइंट तस्करों द्वारा बनाए गए हैं, जहां से आसानी से शराब की तस्करी हो जाती है। फिलहाल, पुलिस और मद्य निषेध विभाग लगातार इन मामलों पर कार्रवाई करते दिखाई दे रहा है।


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।