‘आप महात्मा गांधी का नाम हटा देंगे फिर भी देशभक्त, हम विरोध करें तो देशद्रोही’ : तृणमूल सांसद

‘आप महात्मा गांधी का नाम हटा देंगे फिर भी देशभक्त, हम विरोध करें तो देशद्रोही’ : तृणमूल सांसद

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  • Publish Date - December 16, 2025 / 07:02 PM IST,
    Updated On - December 16, 2025 / 07:02 PM IST

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर (भाषा) तृणमूल कांग्रेस सांसद शताब्दी रॉय ने मंगलवार को लोकसभा में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘‘आप लोकतंत्र खत्म करेंगे, महात्मा गांधी का नाम हटा देंगे फिर भी आप देशभक्त हैं और हम लोग विरोध करेंगे तो देशद्रोही हैं।’’

उन्होंने सदन में ‘सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानूनों में संशोधन) विधेयक, 2025’ पर चर्चा में भाग लेते हुए दावा किया कि आज संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में विधेयकों को पारित करने की बात ‘‘अहंकार के साथ कही और यह भी कहा कि आप लोग (विपक्ष) चर्चा करो लेकिन हम लोग विधेयक पारित करके रहेंगे।’’

तृणमूल सांसद ने कहा कि सरकार ‘‘लोकतंत्र खत्म करे फिर भी देशभक्त है, महात्मा गांधी का नाम हटा दे फिर भी देशभक्त है। हम लोग विरोध करेंगे तो हम लोग देशभक्त नहीं हैं, देशद्रोही हैं।’’

सरकार ने विपक्ष के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को लोकसभा में ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ पेश किया, जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर लाया गया है।

तृणमूल कांग्रेस सदस्य इसी संदर्भ में सरकार पर निशाना साध रही थीं।

कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा निरसन और संशोधन विधेयक, 2025 को सदन में चर्चा और पारित किए जाने के लिए रखे जाने के बाद, रीजीजू ने कहा था, ‘‘हमने पूर्व में परमाणु ऊर्जा विधेयक को सूचीबद्ध किया था, लेकिन फिर विपक्षी दलों की ओर से अनुरोध किया गया कि विधेयक का अध्ययन करने के लिए उन्हें कुछ समय चाहिए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए हमने सहमति जताई कि परमाणु विधेयक को हम कल लेंगे और आज हम बीमा विधेयक ले सकते हैं। यह सबके लिए अच्छा है किसी के लिए प्रतिकूल स्थिति नहीं है।’’

रीजीजू ने कहा कि आरएसपी सदस्य एन के प्रेमचंद्रन ने भी सहमति जताई कि जरूरतमंद लोगों के हित में बीमा विधेयक को पहले लिया जाए और इसे यथाशीघ्र पारित करना चाहिए।

शताब्दी रॉय ने बीमा विधेयक के संबंध में कहा कि सरकार को विधेयक पारित करने से पहले बीमा कंपनियों को मौका देना चाहिए और बीमा एजेंट का पक्ष जानना चाहिए।

भाषा सुभाष वैभव

वैभव