जयपुर, 13 अप्रैल (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने युवा चिकित्सकों से आह्वान किया है कि वे राज्य के पिछड़े इलाकों, गांवों, आदिवासी व जनजाति क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने में अपनी भूमिका निभाएं।
मिश्र ने कहा कि आधुनिक जीवन शैली, खानपान एवं पर्यावरण से जुड़ी नयी बीमारियों की चुनौतियों पर भी चिकित्सा क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जाना चाहिए। मिश्र बृहस्पतिवार को राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय जयपुर के दीक्षान्त समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
उन्होंने चिकित्सकों से मशीन पर बढ़ती निर्भरता कम करने की दिशा में भी ध्यान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मरीजों पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ और मशीन के रेडिएशन के विपरीत प्रभावों को देखते हुए वास्तव में जिस रोग की आशंका हो, उसी से सम्बंधित जांच कराए जाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत विशेषज्ञ चिकित्सा क्षेत्रों की ओर तेजी से आगे बढ़ना अच्छी पहल है लेकिन, चिकित्सकों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके उपचार से किसी दूसरे रोग के बढ़ने की आशंका अथवा दूसरे रोग से जुड़े प्रभाव की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में समुचित जानकारी चिकित्सकों द्वारा मरीजों को दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आरयूएचएस को पुस्तकालयों में उपलब्ध प्राचीन चिकित्सा संहिताओं के संस्करणों का डिजिटलीकरण करते हुए उन्हें ई-लाईब्रेरी के जरिए चिकित्सा महाविद्यालयों में उपलब्ध कराने की परियोजना पर कार्य करना चाहिए। उन्होंने भारतीय भाषाओं में इन संहिताओं के अनुवाद प्रकाशित किए जाने का भी सुझाव दिया।
राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भण्डारी ने कहा कि शीघ्र ही विश्वविद्यालय के संघटक फार्मेसी कॉलेज एवं फिजियोथैरेपी कॉलेज खोले जाएंगे जिसका निर्णय प्रबन्ध मण्डल की बैठक में हो चुका है।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) के चिकित्सा मूल्यांकन और रेटिंग बोर्ड के सदस्य डॉ. जे. एल. मीणा ने चिकित्सा के क्षेत्र में गुणवत्ता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि मरीजों को अस्पतालों में सभी स्तरों पर वही सुविधा एवं देखभाल दी जानी चाहिए जिसकी हम स्वयं के लिए अपेक्षा करते हैं।
दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानेमाने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक एन. जौहरी, पीजीआईएमआर चंडीगढ़ के डॉ. अनिल भंसाली को मानद पीएचडी और प्रमुख डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. बंशी साहू, चेन्नई के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. के. आर बालाकृष्णन को मानद डीएससी (मेडिसीन) की उपाधि प्रदान की।
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रंजन अमित
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