नयी दिल्ली, 26 दिसंबर (भाषा) भारतीय युवा कांग्रेस अरावली पर्वतमाला से जुड़े उच्चतम न्यायालय के आदेश की समीक्षा, पर्वतमाला को पुन:परिभाषित करने के प्रस्ताव को वापस लेने तथा खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की मांगों को लेकर आगामी सात जनवरी से ‘अरावली सत्याग्रह यात्रा’ शुरू करेगी।
युवा कांग्रेस की यह यात्रा गुजरात से शुरू होकर राजस्थान और हरियाणा होते हुए 20 जनवरी को दिल्ली में समाप्त होगी।
भारतीय युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भानु चिब ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘असलियत यह है कि सरकार ने खुद उच्चतम न्यायालय को प्रस्ताव भेजा था कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाले पहाड़ को अरावली क्षेत्र से हटा दिया जाए। पहले उच्चतम न्यायालय की समिति होती थी, जो खनन की निगरानी रखती थी, लेकिन मोदी सरकार ने उसे भंग कर दिया और पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव को भेजा गया।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार इस पर्वतमाला के बड़े हिस्से को अपने एक ‘परम मित्र’ उद्योगपति को सौंपनी चाहती है।
चिब ने बताया, ‘‘हम अरावली को बचाने के लिए ‘अरावली सत्याग्रह’ यात्रा निकालने जा रहे हैं, जो सात जनवरी से 20 जनवरी तक चलेगी। यह यात्रा गुजरात से शुरू होगी और राजस्थान, हरियाणा से होते हुए दिल्ली आएगी।’’
उनका कहना था, ‘‘अरावली क्षेत्र में 100 मीटर की ऊंचाई वाला पैंतरा ख़त्म किया जाए, अरावली क्षेत्र संवेदशील पारिस्थितिक क्षेत्र घोषित हो, उच्चतम न्यायालय के आदेश की समीक्षा हो, सरकार अपना प्रस्ताव वापस ले और अरावली क्षेत्र में खनन को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए।’’
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