भीड़ हिंसा में मारा गया युवक 3 महीने बाद जिंदा लौटा, मामले में 23 आरोपियों को हो चुकी है जेल

भीड़ हिंसा में मारा गया युवक 3 महीने बाद जिंदा लौटा, मामले में 23 आरोपियों को हो चुकी है जेल

भीड़ हिंसा में मारा गया युवक 3 महीने बाद जिंदा लौटा, मामले में 23 आरोपियों को हो चुकी है जेल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: November 17, 2019 2:06 pm IST

नईदिल्ली। बिहार में भीड़ हिंसा में हत्या का मामला दर्ज होने और 23 आरोपियों के जेल जाने के तीन महीने बाद मरने वाला युवक जिंदा लौट आया। पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि उस दौरान पटना पुलिस ने एक शव दिखाकर कहा था कि यही तुम्हारे पति हैं। पत्नी ने बताया कि उस वक्त चेहरा साफ नहीं दिख रहा था। पुलिस के कहने पर वह शव लेकर चली गई थी।

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पत्नी ने बताया कि पैसा ना होने के चलते घर के बर्तन बेचने के साथ ही कर्ज लेकर पति का श्राद्ध किया। उसने बताया कि प्रशासन की ओर से कुछ भी नहीं मिला। वहीं, पांच महीने से लापता पति जिंदा लौट आए। फिलहाल इस लापरवाही के बाद से ही पुलिस की तरफ से कहा जा रहा है कि पुलिस ने मृतक के कपड़े पत्नी को दिखाए थे, और उन्होंने इस बात की पुष्टि की थी कि यह उनके पति के ही कपड़े हैं।

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पुलिस की लापरवाही इस बात से भी सामने आती है कि भीड़ हिंसा के मामले में आरोपियों को गिरफ्तार हुए तीन माह से अधिक हो गए, पर अभी तक चार्जशीट तक दाखिल नहीं हुई। चार्जशीट नहीं होने का मतलब है कि पुलिस की जांच पूरी नहीं हुई। जिन आरोपियों को जेल भेजा गया, उन पर तफ्तीश चल रही है। कोर्ट सूत्रों के अनुसार, इस मामले में दो आरोपियों को पटना उच्च न्यायालय और एक आरोपी को दानापुर अदालत से जमानत मिल गई।

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पटना उच्च न्यायालय के वकील प्रभात भारद्वाज ने बताया कि आरोपी के गिरफ्तार होने के बाद तीन माह में चार्जशीट होना जरूरी है। चार्जशीट नहीं होने से पता चलता है कि पुलिस की जांच अभी तक पूरी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चार्जशीट नहीं होने पर आरोपियों को सीआरपीसी 167 के तहत जमानत मिल जाएगी। वकील ने कहा कि पुलिस पर भी लापरवाही का केस होना चाहिए।

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घटना के संबंध में नौबतपुर के थानेदार सम्राट दीपक ने कहा था कि कृष्णा जो जिंदा लौटा है और जो मारा गया, दोनों को व्यक्ति के हाथों में गोदना कर कृष्णा मांझी लिखा था। लेकिन जब मामले की जांच की गई तो ऐसा नहीं पाया गया। इस बात से यह जाहिर होता है कि पुलिस खुद को बचाने के लिए यह बात कर रही थी। वहीं, सिटी एसपी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि जो कृष्णा जिंदा है, उसके हाथ में गोदना नहीं है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com