Delegation on Operation Sindoor: सांसद युसूफ पठान डेलीगेशन में नहीं होंगे शामिल.. ममता बनर्जी के TMC ने दिया मोदी सरकार को झटका..

संजय राउत की टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं।

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Modified Date: May 19, 2025 / 10:25 AM IST
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Published Date: May 19, 2025 10:21 am IST
HIGHLIGHTS
  • टीएमसी ने यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने से मना किया, कोई कारण नहीं बताया।
  • ऑपरेशन सिन्दूर के बाद 33 देशों में 59 सदस्यीय ऑल पार्टी डेलिगेशन भेजेगी केंद्र सरकार।
  • संजय राउत ने प्रतिनिधिमंडल को लेकर मोदी सरकार पर कश्मीर मुद्दा अंतरराष्ट्रीय करने का आरोप लगाया।

Yusuf Pathan will not join multi-party delegation on Operation Sindoor: नई दिल्ली: ऑपरेशन सिन्दूर की सफलता और पाकिस्तान के आतंक परस्त गतिविधियों से दुनिया भर के अलग अलग देशों को अवगत करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है।

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दरअसल केंद्र की सरकार, विदेश मंत्रालय के देखरेख में ऑपरेशन सिन्दूर की कामयाबी के बाद 33 अलग-अलग देशों में ऑल पार्टी डेलिगेशन भेज रही है। सरकारी सूत्रों के अनुसार 59 सदस्यों वाले 7 डेलिगेशन 33 देशों का दौरा करेंगे। इस ऑल पार्टी डेलिगेशन में 51 नेता और 8 राजदूत शामिल किये गए है।

टीएमसी नहीं होगी शामिल

Yusuf Pathan will not join multi-party delegation on Operation Sindoor: वही सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी ने अपने लोकसभा सांसद यूसुफ पठान को किसी भी डेलिगेशन का हिस्सा बनने से मना किया है। यूसुफ पठान को इस आधिकारिक दौरे से दूर रहने के निर्देश दिए गए हैं। हालांकि, टीएमसी ने इसके पीछे कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई है। लेकिन पार्टी की तरफ से यह फैसला केंद्र सरकार को बता दिया गया है।

संजय राउत ने खोला मोर्चा

इस बीच शिवसेना नेता संजय राऊत ने इस सरकारी प्रतिनिधिमंडल को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर कश्मीर मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आप इस मुद्दे को खुद ही दुनिया के सामने ले जा रहे हैं। जबकि जल्दबाजी में ऐसा कुछ करने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह लगाया जाएगा कि मोदी एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं।

Yusuf Pathan will not join multi-party delegation on Operation Sindoor: संजय राउत ने मीडिया से हुई बातचीत में दावा किया कि प्रतिनिधिमंडल सरकार द्वारा किए गए ‘पापों और अपराधों’ का बचाव करेगा। उन्होंने कहा, इस तरह के प्रतिनिधिमंडल को भेजने की कोई जरूरत नहीं थी, जो सरकार द्वारा वित्तपोषित है। वे क्या करेंगे? विदेश में हमारे राजदूत हैं। वे अपना काम कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन (दलों) को इसका बहिष्कार करना चाहिए था। वे सरकार द्वारा बिछाए गए जाल में फंस रहे हैं। आप सरकार द्वारा किए गए पापों और अपराधों का बचाव करने जा रहे हैं, देश का नहीं।

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संजय राउत की टिप्पणियों से यह भी संकेत मिलता है कि इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियां इस मुद्दे पर एकमत नहीं हैं। राउत ने प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को नामित करने के लिए भी सरकार की आलोचना की और कहा कि लोकसभा में संख्या बल के कारण उनकी पार्टी को भी एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने का मौका मिलना चाहिए था।

1. टीएमसी ने यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल से दूर क्यों रखा?

पार्टी ने आधिकारिक कारण सार्वजनिक नहीं किया; आंतरिक राजनीतिक रणनीति बताई जा रही है।

2. ऑपरेशन सिंदूर पर भेजे जा रहे ऑल‑पार्टी डेलिगेशन का उद्देश्य क्या है?

33 देशों में जाकर पाकिस्तान‑प्रेरित आतंक और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारत का पक्ष रखना।

3. संजय राउत प्रतिनिधिमंडल की आलोचना क्यों कर रहे हैं?

वे इसे कश्मीर मुद्दे का “अंतरराष्ट्रीयकरण” व सरकार के “पापो‑अपराधों” के बचाव की कवायद मानते हैं।