Controversial dialogues of Adipurush

बदले जाएंगे आदिपुरुष के विवादित डायलॉग, मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर दी जानकारी

बदले जाएंगे आदिपुरुष के विवादित डायलॉग, मनोज मुंतशिर ने ट्विटकर दी जानकारी! Controversial dialogues of Adipurush will be changed

Edited By :   Modified Date:  June 18, 2023 / 01:12 PM IST, Published Date : June 18, 2023/12:58 pm IST

नई दिल्ली। Controversial dialogues of Adipurush फिल्म ‘आदिपुरुष’ रिलीज होते ही विवादों में आ गई है। फिल्म ने काफी हद तक प्रशंसकों को निराश किया है। लगातार उस डायलॉग का मजाक उड़ाया जा रहा है। लोगों ने फिल्म में हनुमान जी की पंक्तियों को ‘अपमानजनक’ करार भी दिया है। आपको बता दें कि भगवान श्रीराम के प्रिय हनुमान जी के मुख से लोगों को ‘जलेगी तेरी बाप की’ जैसे संवाद लोगों की भावनाएं आहत कर रही हैं। तब से फिल्म के डायलॉग को लेकर राइटर से लेकर डायरेक्टर तक सोशल मीडिया पर निशाने पर हैं। इस क्रम में ​मनोज मुंतशिर ने ट्वीट कर ये बात कही है।

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Controversial dialogues of Adipurush मनोज मुंतशिर ने ट्विट किया में लिखा है कि रामकथा से पहला पाठ जो कोई सीख सकता है, वो है हर भावना का सम्मान करना। सही या ग़लत, समय के अनुसार बदल जाता है, भावना रह जाती है। आदिपुरुष में 4000 से भी ज़्यादा पंक्तियों के संवाद मैंने लिखे, 5 पंक्तियों पर कुछ भावनाएँ आहत हुईं। उन सैकड़ों पंक्तियों में जहाँ श्री राम का यशगान किया, माँ सीता के सतीत्व का वर्णन किया, उनके लिए प्रशंसा भी मिलनी थी, जो पता नहीं क्यों मिली नहीं। मेरे ही भाइयों ने मेरे लिये सोशल मीडिया पर अशोभनीय शब्द लिखे। वहीं मेरे अपने, जिनकी पूज्य माताओं के लिए मैंने टीवी पर अनेकों बार कवितायें पढ़ीं, उन्होंने मेरी ही माँ को अभद्र शब्दों से संबोधित किया। मैं सोचता रहा, मतभेद तो हो सकता है, लेकिन मेरे भाइयों में अचानक इतनी कड़वाहट कहाँ से आ गई कि वो श्री राम का दर्शन भूल गये जो हर माँ को अपनी माँ मानते थे। शबरी के चरणों में ऐसे बैठे, जैसे कौशल्या के चरणों में बैठे हों।

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हो सकता है, 3 घंटे की फ़िल्म में मैंने 3 मिनट कुछ आपकी कल्पना से अलग लिख दिया हो, लेकिन आपने मेरे मस्तक पर सनातन-द्रोही लिखने में इतनी जल्दबाज़ी क्यों की, मैं जान नहीं पाया।
क्या आपने ‘जय श्री राम’ गीत नहीं सुना, ‘शिवोहम’ नहीं सुना, ‘राम सिया राम’ नहीं सुना? आदिपुरुष में सनातन की ये स्तुतियाँ भी तो मेरी ही लेखनी से जन्मी हैं। ‘तेरी मिट्टी’ और ‘देश मेरे ’भी तो मैंने ही लिखा है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, आप मेरे अपने थे, हैं और रहेंगे। हम एक दूसरे के विरुद्ध खड़े हो गये तो सनातन हार जायेगा। हमने आदिपुरुष सनातन सेवा के लिए बनायी है, जो आप भारी संख्या में देख रहे हैं और मुझे विश्वास है आगे भी देखेंगे।

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ये पोस्ट क्यों?

क्योंकि मेरे लिये आपकी भावना से बढ़ के और कुछ नहीं है।
मैं अपने संवादों के पक्ष में अनगिनत तर्क दे सकता हूँ, लेकिन इस से आपकी पीड़ा कम नहीं होगी।
मैंने और फ़िल्म के निर्माता-निर्देशक ने निर्णय लिया है, कि वो कुछ संवाद जो आपको आहत कर रहे हैं,
हम उन्हें संशोधित करेंगे, और इसी सप्ताह वो फ़िल्म में शामिल किए जाएँगे।

श्री राम आप सब पर कृपा करें!

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