नई दिल्ली। शास्त्रीय संगीत जगत की मशहूर जोड़ी टूट गई, बनारस घराने की मशहूर मिश्र बंधू की जोड़ी को कोरोना ने तोड़ दिया। रविवार को राजन मिश्र का निधन हो गया। राजन मिश्र का जाना शास्त्रीय संगीत जगत के लिए बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकेगी। निधन की खबर सुनते ही दुनियाभर में मौजूद प्रशसंक शोक में डूब गए। प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी कहते हैं कि 40 साल से हम परिचित थे। उनके जैसा गायक आज तक नहीं देखा। राजन मिश्र बनारस की शान थे। गायन में गंभीर थे। लेकिन बात-बात पर हंसा देने वाले थे।
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प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी ने फेसबुक पर लिखा कि जैसे असाधारण कलाकार, वैसा ही उदार गुरु गरिमामय व्यक्तित्व! ऐसी मुस्कान, ऐसा बड़प्पन, ऐसा बनारसी अपनापन! चार दशकों की स्मृतियों की सुरीली धरोहर को अपने से कैसे अलग करूं। पंडित राजन मिश्र का जाना भारतीय संगीत की अपूरणीय क्षति है। मेरे बड़े भाई आज मुझसे बिछुड़ गए।
शास्त्रीय संगीत गायिका मीता पंडित बताती है कि कोरोना काल से ठीक पहले बनारस में एक कार्यक्रम था। जिसमें मैंने अष्टपदी गाया था। राजन मिश्र जी दर्शकदीर्घा में बैठे थे। कार्यक्रम समाप्त हुआ तो पता चला। मैं हैरान भी हुई और प्रसन्न भी की। उन्होंने गायन को सराहा और आशीर्वाद दिया।
वहीं, सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खां ने कहा कि संगीत के क्षेत्र में उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। अफसोस है कि उनकी मौत वेंटिलेटर नहीं मिलने की वजह से हुई। अस्पताल में यदि वेंटिलेटर होता तो शायद उनको बचा लिया गया होता। हमारी सरकार को अस्पतालों का निरीक्षण करना चाहिए कि आखिर संसाधनों की कमी क्यों है।