gulshan kumar birth anniversary: पूरी दुनिया में ‘कैसेट किंग’ के नाम से मशहूर गुलशन कुमार का आज बर्थडे है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर फर्स से अर्स तक का सफर तय किया। लोगों के धरों तक टी-सीरीज कैसेट के माध्यम से संगीत पहुंचाया। घर-घर बॉलीवुड और भक्ति संगीत के तराने गूंजे। इस वजह से हिंदी सिनेमा में संगीत का नया रूप देखने को मिला।
गुलशन कुमार अपने पिता के साथ दिल्ली के दरियागंज बाजार में फलों के जूस की दुकान लगाते थे। इसी जूस की दुकान ने गुलशन कुमार के करियर की इबारत गढ़ी। इसके बाद वो संगीत की दुनिया में सबसे ऊपर पहुंच गए।
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gulshan kumar birth anniversary: गुलशन कुमार का जन्म 5 मई 1956 को दिल्ली के एक पंजाबी अरोड़ा परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम गुलशन दुआ था। जूस की दुकान के बाद उनके पिता ने ने एक दुकान और ली जिसमें सस्ती कैसेट्स और गाने रिकॉर्ड कर बेचे जाते थे। बस यहीं से गुलशन कुमार के करियर ने करवट बदली। गुलशन ने सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी बनाई जो भारत में सबसे बड़ी संगीत कंपनी बनकर उभरी। उन्हें कैसेट किंग कहा जाने लगा। उन्होंने इसी संगीत कंपनी के तहत टी-सीरीज की स्थापना की। महज 10 साल में ही गुलशन कुमार ने टी सीरिज के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचायाक। गुलशन कुमार ने सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल, कुमार सानू जैसे कई सिंगर्स को लॉन्च किया।
मुंबई आने के बाद गुलशन की किस्मत बदल गई। उन्होंने तकरीबन 15 से ज्यादा फिल्में प्रोड्यूस की जिनमें एक फिल्म ‘बेवफा सनम’ को उन्होंने डायरेक्ट भी किया। उनकी पहली प्रोड्यूस की गई फिल्म 1989 में आई ‘लाल दुपट्टा मलमल का’ थी। लेकिन उन्हें असल पहचान साल 1990 में आई फिल्म ‘आशिकी’ से मिली।
गुलशन कुमार ने न सिर्फ खुद प्रसिद्धि हासिल की, बल्कि अपने कमाए पैसों में से समाज सेवा के लिए भी कार्य कि। उन्होंने माता वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की, जो आज भी लगातार चल रहा है। इस भंडारे में तीर्थ यात्रियों के लिए निशुल्क भोजन हमेशा उपलब्ध रहता है।
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gulshan kumar birth anniversary: गुलशन कुमार की सफलता से लोग जलने लगे थे। 46 साल की उम्र में 12 अगस्त 1997 को मुंबई के अंधेरी पश्चिम उपनगर जीत नगर में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जाता है कि सुबह के वक्त गुलशन के पीठ और गर्दन में 16 गोलियां दागी गई थी। खबरों के अनुसार इस हत्या के पीछे डी कंपनी का नाम आया था। ऐसा कहा जाता है कि डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम ने गुलशन कुमार से फिरौती मांगी थी। तब गुलशन कुमार ने कहा था कि इतने रुपए देने के बजाय उन रुपयों से वो वैष्णो माता के मंदिर में भंडारा कराएंगे। इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई। कहा जाता है कि उनके सीने में 16 गोली उतारने के बाद शूटर ने अपने मालिक को गुलशन कुमार की चीखें सुनाई थीं।
जब गुलशन की हत्या हुई तो उससे पहले ही वे म्यूजिक की दुनिया के इंटरनेशनल ब्रांड बन चुके थे। टी-सीरीज का नाम टॉप म्यूजिक कंपनियों में भी होने लगा। रिपोर्ट्स की मानें तो टी-सीरीज का बिजनेस 24 देशों के साथ-साथ 6 महाद्वीप में तक फैला हुआ है। फिलहाल टी-सीरीज कंपनी को गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार संभाल रहे हैं। कंपनी के तहत कई सुपरहिट फिल्मों को प्रोड्यूसर किया गया है। कंपनी ने ‘रेडी’ (2011), ‘आशिकी 2’ (2013), ‘हेट स्टोरी 4’ (2014), ‘बेबी’ (2015), ‘भाग जॉनी’ (2015), ‘एयरलिफ्ट’ (2016), ‘बादशाहो’ (2017) सहित अन्य फिल्मों को प्रोड्यूस किया है।