दो बुजुर्ग और वीरान गांव की अनोखी कहानी है ‘पायर’, टैल्लिन ब्लैक नाइट्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में होगा वर्ल्ड प्रीमियर

Film Pyre By Vinod Kapri :  फिल्म निर्देशक विनोद कापड़ी की फिल्म ‘पायर’ सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। यह फिल्म एस्टोनिया की राजधानी

Edited By :  
Modified Date: November 11, 2024 / 07:39 PM IST
,
Published Date: November 11, 2024 6:51 pm IST

नई दिल्ली : Film Pyre By Vinod Kapri : फिल्म निर्देशक विनोद कापड़ी की फिल्म ‘पायर’ सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। यह फिल्म एस्टोनिया की राजधानी टालिन में होने वाले टैल्लिन ब्लैक नाइट्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने वाली भारत की इकलौती फिल्म है। यह फिल्म आने वाले महीनों में कुछ अंतर्राष्ट्रीय समारोहों में दिखाई जाएगी। इसके बाद अगले साल इसे सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए रिलीज़ किया जाएगा।

19 नवंबर को यूरोप के प्रतिष्ठित 28वें टैल्लिन ब्लैक नाइट्स इंटरनेशनल फ़िल्म फ़ेस्टिवल में इसका वर्ल्ड प्रीमियर होगा। इस फिल्म में अभिनय करने वाले बुजुर्ग दंपती को टैल्लिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल की तरफ से विशेष आमंत्रण भेजा गया है।

यह भी पढ़ें : November Bank Holiday: फटाफट निपटा लें बैंक से जुड़े जरूरी काम, लगातार इतने दिनों तक बंद रहेंगे बैंक, घर से निकलने से पहले देखें पूरी लिस्ट 

स्क्रिप्ट में कई बार किया गया बदलाव

Film Pyre By Vinod Kapri :  बात करें इस फिल्म की स्क्रिप्ट को तो स्क्रिप्ट को लिखने के बाद उसमे कई बार बदलाव किए गए। कई बार स्क्रिप्ट को सुधारा गया। कई दिनों तक एक-एक डायलॉग पर काम किया गया, तब जाकर फिल्म ‘पायर’ की स्क्रिप्ट तैयार हो पाई। शूटिंग शुरू होने से पहले मुख्य कलाकार खोजे जाने थे। कहानी के मुताबिक सही अभिनेता ढूंढने के लिए विनोद को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन विनोद कापड़ी को उनके पसंद का अभिनेता नहीं मिला।

विनोद ने मुख्य अभिनेता के चयन से सबको चौंकाया

Film Pyre By Vinod Kapri :  इसके बाद लेखक और निर्देशक विनोद कापड़ी ने सबको चौंकाते हुए फिल्म के मुख्य किरदारों का रोल करने के लिए सत्तर वर्ष की उम्र पार कर चुके दो ऐसे बूढ़े महिला और पुरुष को ढूंढा जिन्हें अभिनय का कोई अनुभव नहीं था और ना ही उन्होंने इससे पहले जीवन में कभी कोई कैमरा देखा था। पहाड़ी गांवों की पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखने वाले हीरा देवी और पदम सिंह ने अपने नैसर्गिक अभिनय से फिल्म के एक-एक सीन में प्राण फूंके हैं। उनकी कलाकारी को देखने के लिए फिल्म के रिलीज होने के बाद उसे देखा जाना बेहद जरुरी है।

विनोद कापड़ी ने किया कई चुनौतियों का सामना

इसके बाद शुरू हुई लोकेशन ढूंढने की कवायद। विनोद को काफी खोजने के बाद एक सुंदर सी लोकेशन मिल गई। विनोद कापड़ी ने कुमाऊँ की एक सुदूर और अति सुंदर ग्रामीण लोकेशन में बिल्कुल बुनियादी सुविधाओं के बीच फिल्म की शूटिंग शुरू की। लेकिन विनोद के सामने चुनौतियां कम नहीं थी। शूटिंग की लोकेशन और उसके 30-40 किलोमीटर के दायरे में कोई होटल नहीं था, जिसके चलते यूनिट के सदस्यों को रुकने में परेशानी हो रही थी। विनोद ने इन मुसीबतों से हार नहीं मानी और एक-दो ठेठ ग्रामीण घरों को किराए पर ले लिया और उसी में पूरी यूनिट के साथ रहकर अपना काम किया।

यह भी पढ़ें : Abhinandan Yadav SSB: गजब कर दिए यादव जी!.. 16 बार SSB इंटरव्यू में फेल, अब बने असिस्टेंट कमांडेंट, पढ़ें कामयाबी की जिद की अनोखी कहानी..

शूटिंग के बाद चला पोस्ट-प्रोडक्शन का लंबा दौर

Film Pyre By Vinod Kapri :  फिल्म ‘पायर’ के शूटिंग के बीच में ही विनोद कापड़ी को तब बड़ा धक्का लगा, जब मूल निर्माता ने अपने हाथ खींच लिए। फिल्म को पूरा करने की धुन में विनोद को अपनी गाड़ी तक बेचनी पड़ी। फिल्म की एडिटिंग का काम जर्मनी की अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पैट्रीशिया रोमेल ने किया है।

इसके बाद फिल्म में संगीत के लिए ‘लाइफ़ ऑफ़ पाई’ जैसी फिल्मों के संगीत निर्देशक रहे, कैनेडियन मूल के ऑस्कर विजेता माइकल डाना से बात की गई। इसके बाद माइकल डाना ने इस फिल्म में संगीत देने के लिए हामी भरी। माइकल डाना एक कनाडाई फिल्म और टेलीविजन स्कोर म्यूजीशियन हैं। उन्होंने ‘लाइफ ऑफ पाई’ (2012) में सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल स्कोर के लिए गोल्डन ग्लोब और ऑस्कर दोनों जीता था। वे दीपा मेहता, टेरी गिलियम, स्कॉट हिक्स, आंग ली, मीरा नायर, जोएल शूमाकर और डेनज़ल वाशिंगटन जैसे निर्देशकों के साथ काम कर चुके हैं।

‘पायर’ के गुलजार साहब ने बिना पैसे लिए लिखा गीत

Film Pyre By Vinod Kapri :  हिंदी फिल्मों के जानें-माने गीतकार गुलज़ार ने ‘पायर’ के लिए एक गीत लिखा है। विनोद कापड़ी ने जानकारी देते हुए बताया कि, फिल्म के लिए गीत लिखने के लिए गुलज़ार ने उनसे कोई पैसे नहीं लिए, उन्होंने कहा कि इस फिल्म में मुझे सत्यजीत रे के सिनेमा की परंपरा दिख रही है, मैं इसके लिए कोई फीस नहीं लूंगा। विनोद कहते हैं कि, ये उनका सौभाग्य है कि विश्व सिनेमा की इन तीन महान हस्तियों ने पायर में अपना योगदान दिया है।

कैसे आया फिल्म बनाने का आइडिया

विनोद कापड़ी लंबे समय तक मीडिया क्षेत्र से जुड़े रहे और उन्होंने कई अलग-अलग विषयों पर फ़िल्में भी बनाई हैं। विनोद कापड़ी की फिल्म ‘पायर’ उत्तराखंड में लगातार हो रहे पलायन के बाद वहां खाली हो चुके गांव जिन्हें भूतिया गांव भी कहा जाता है की पृष्ठभूमि में एक बुजुर्ग दंपती की सच्ची कहानी से प्रेरित है। इस बुजुर्ग दम्पती से विनोद 2017 में मुनस्यारी के एक गांव में मिले थे। मृत्यु का इंतज़ार कर रहे इस बुजुर्ग दंपति के आपसी प्यार ने विनोद के दिल में ऐसी गहरी छाप छोड़ी कि उन्होंने ये फ़िल्म बनाने का फ़ैसला किया।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए हमारे फेसबुक फेज को भी फॉलो करें

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp