‘सरपंच से सीएम तक का सफर तय करने वाले इकलौते नेता थे मेरे पिता’, मशहूर अभिनेता ने किया खुलासा

'सरपंच से सीएम तक का सफर तय करने वाले इकलौते नेता थे मेरे पिता' : Actor Reveal 'My father was the only leader to travel from sarpanch to CM'

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  • Publish Date - December 4, 2022 / 07:21 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:43 PM IST

मुंबई । रितेश देशमुख इन दिनों अपनी फिल्म ‘प्लान ए और प्लान बी’ को लेकर चर्चा में है। फिल्म में उनके साथ साउथ की मशहूर अभिनेत्री तमन्ना भाटिया दिखाई दे रही है। इसी फिल्म का एक प्रमोशन वी़डियो नेटफ्लिक्स ने अपने यूट्यूब चैनल में रिलीज किया है। वीडियो में Unfiltered Samdish और रितेश देशमुख दिखाई दे रहे है। Unfiltered Samdish इस वीडियो में रितेश देशमुख से उनके पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़े कई सवाल पूछ रहे है। इसी दौरान रितेश ने अपने पिता विलास राव देशमुख के राजनैतिक जीवन के बारें में महत्वपू्र्ण बात बताई। रितेश ने कहा उनके पिता ने सरपंच से लेकर मुख्यमंत्री तक का रास्ता तय किया। आज हम रितेश के पिता विलास राव देशमुख के बारें में बात करेंगे।

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विलास राव देशमुख का जन्म 26 मई 1945 को महाराष्ट्र राज्य के बाभलगांव में हुआ था। विलास राव शुरु से ही समाज कार्य और राजनीति में विशेष रुचि रखते थे। उन्होंने जमीन स्तर से राजनीति की शुरुआत की और पंच से सरपंच बने और जिला पंचायत का हिस्सा रहे। अपने कुशल नेतृत्व क्षमता के चलते वे लातूर तालूका पंचायत संस्था के उपाध्यक्ष भी रहे। विलास राव ने युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रुप मे काम किया और धीरे धीरे राज्य की राजनीति में प्रवेश किया। विलास राव ने हमेशा अपने जन्मस्थल लातूर को ही अपना चुनावी क्षेत्र रखा और वहां कई‌ बदलाव किए।

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1980 से 1995 तक उन्हें तीन बार विधानसभा के लिए चुना गया। इस दौरान विलासराव ने अलग-अलग मंत्रालयों में मंत्री के तौर पर कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने ग्रामीण विकास, कृषि, उद्योग, शिक्षा, गृह, परिवहन, खेल, पर्यटन जैसे कई मंत्रालयों को संभाला। 1995 में, Vilasrao Deshmukh चुनाव हार गए हालांकि साल 1999 में उन्होंने विधानसभा में एक बार फिर जबरदस्त अंदाज में प्रवेश किया और पहली बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए। हालाँकि उन्हें बीच में ही गद्दी छोड़नी पड़ी, लेकिन बाद के चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में चुना। पहली बार 18 अक्टूबर 1999 से जनवरी 2003 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे वहीं दूसरी बार 7 सितंबर 2004 से 5 दिसंबर 2008 तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।