Shweta Tiwari Big Revelation: अंधी हो चुकी थी टीवी की ये पॉपलुर एक्ट्रेस, आंसू की जगह आंखों से निकलते थे खून, इंटरव्यू में किया बड़ा खुलासा
Shweta Tiwari Big Revelation: अंधी हो चुकी थी टीवी की ये पॉपलुर एक्ट्रेस, आंसू की जगह आंखों से निकलते थे खून, इंटरव्यू में किया बड़ा खुलासा
Shweta Tiwari Big Revelation। Image Credit: shweta.tiwari Instagram
नई दिल्ली। Shweta Tiwari Big Revelation: श्वेता तिवारी टीवी पर जितनी पॉपुलर हैं। इसके अलावा वो भोजपुरी फिल्मों और ओटीटी पर भी गर्दा उड़ा चुकी हैं। वो इंडस्ट्री में कई सालों से जी जान लगाकर मेहनत कर रही हैं। श्वेता तिवारी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। वे हमेशा बढ़ती उम्र के साथ अपनी खूबसूरती को लेकर भी हमेशा चर्चा में बनी रहती है। वहीं हाल ही श्वेता तिवारी ने अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कुछ शेयर की है जिस पर यकीन करना बहुत ही मुश्किल है।
एक्ट्रेस ने बताया कि, काम करते हुए उनके साथ कुछ ऐसा हुआ था जिसके बारे में जानकर कोई भी हैरान हो जाएगा। एक बार अपने एक इंटरव्यू में श्वेता तिवारी ने खुलासा किया था कि वो लगभग अंधी हो गई थी। उन्होंने ने अपने पुराने इंटरव्यू में बताया था कि, ‘मेरी आंखों में इन्फेक्शन हुआ था, जब मैंने लेसिक करवाया था, क्योंकि मेरी आंखों में बहुत हाई नंबर था। मैं तब -10 नंबर पहनती थी, मैं -10 नंबर के लेंस लगाती थी। एक समय था जब मैं सुबह 5 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक रेडियो शो करती थी। फिर सुबह के 7 बजे से शाम के 7 बजे तक टीवी सीरियल में काम करती थी।
आंसू की जगह खून आने लगे थे आंखों से
श्वेता तिवारी ने आगे बताया था- फिर शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक डांस रिएलिटी शो ‘नच बलिए’ की रिहर्सल करती थी और उसके बाद रात 10 बजे से सुबह के 5 बजे तक भोजपुरी फिल्म का शूटिंग करती थी। मुझे ‘बिग बॉस’ में भी जाना था। मैंने एक महीना ये शेड्यूल लेंस पहनकर किया था और इसकी वजह से मेरी आंखों के ब्लड वैसल्स फट गए थे। जिससे मेरी आंखों से खून बहता था। ऐसा लगता था आंसू की जगह खून निकल रहा था। टीवी के पॉपुलर डांस रिएलिटी शो नच बलिए के समय मैं अंधी हो गई थी। वो टाइम था, फिर मैंने लेसिक करवा लिया था। अब मेरा ट्रीटमेंट हो गया है। मैं बिना चश्मे के देख पाती हूं। हालांकि अब चश्मा वापस आ रहा है क्योंकि उम्र बढ़ रही है।
मुश्किल दिनों पर किया गर्व महसूस
Shweta Tiwari Big Revelation: एक्ट्रेस ने अपने मुश्किलों दिनों पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि, उस समय मेरे पास इतने काम होते थे कि मेरी आंखे तक खराब हो गई थी, आज लोग रोते हैं कि काम नहीं है, काम दे दो, लेकिन जब काम मिलता है तो ध्यान इस पर रहता है कि पैकअप कब हो रहा है। अब जब काम आता है तो उन्हें 12 घंटे नहीं, 8 घंटे काम करना होता है।

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