मुमताज और राजेश खन्ना के साथ दिख रहा ये बच्चा कई फिल्मों में मनवाया है अपनी एक्टिंग का लोहा, जानिए अब कैसा दिखता है जूनियर महमूद?
Junior Mehmood: बॉलीवुड फिल्मों में कई बाल कलाकारों ने भी अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता। अपनी शानदार एक्टिंग का लोहा मनवाया।
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Junior Mehmood: बॉलीवुड फिल्मों में कई बाल कलाकारों ने भी अपनी एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीता। अपनी शानदार एक्टिंग का लोहा मनवाया। चाहें सचिन हो या श्रीदेवी या जूनियर महमूद। सभी ने शानदार और जानदार अभिनय कर लोगों का दिल जीत लिया। 60 और 70 के दशक में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर मशहूर जूनियर महमूद ने भी उस दौर में फैंस की खूब वाहवाही लुटी। उन्होंने उस दौर के लगभग हर बड़े स्टार के साथ काम किया।
उनकी ब्रह्मचारी उनकी बड़ी हिट थी। इसके बाद दो रास्ते, आन मिलो सजना, कटी पतंग, हाथी मेरे साथी और कारवां जैसी फिल्मों ने उन्हें स्टार बना दिया। उनकी ज्यादातर फिल्में सिल्वर जुबली रहीं। हालांकि बाद में उनका स्टारडम खत्म हो गया। बाद में वह गीत गाता चल, दीवानग़ी और अंखियों के झरोखे से जैसी फ़िल्मों में दिखे। फिर उन्होंने टीवी का रूख किया और ‘प्यार का दर्द मीठा-मीठा प्यारा-प्यारा’, ‘एक रिश्ता साझेदारी का’ और ‘तेनाली रामा’ जैसे शो में दिखे।
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जूनियर महमूद यानी मोहम्मद नईम सैय्यद का जन्म 15 नवंबर 1956 को मुंबई में हुआ था। इनके पिता इंडियन रेलवे में इंजन ड्राइवर का काम करते थे और वे रेलवे कॉलोनी में रहते थे। जूनियर महमूद चार भाई और दो बहनें थीं। एक भाई फ़िल्म सेट पर स्टिल फ़ोटोग्राफ़र के तौर पर काम करते थे, उन्हीं फ़िल्मी सेट की कहानियां सुनाते जो नईम को अच्छी लगतीं।
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कभी -कभी वह सेट पर भाई के साथ जाते और वहां चुपचाप शूटिंग देखते। एक दिन ‘कितना नाज़ुक है दिल’ की शूट चल रही थी, इसमें कॉमेडियन जॉनी वॉकर भी थे। फिल्म का चाइल्ड एक्टर बार- बार अपनी लाइनें भूल रहा था, शूटिंग देख रहे नईम ने कहा, इतनी सी लाइन नहीं बोल पा रहा है और आ गया एक्टिंग करने। तब डायरेक्टर ने उनसे पूछा कि तुम ये लाइंस बोल सकते हो तो उन्होंने कहा कि मैं तो जॉनी वॉकर की लाइंस भी बोल सकता हूं। तब वह 9 साल के थे और इस तरह उन्हें उनकी पहली फिल्म मिली।
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नईम से जूनियर महमूद नाम पड़ने के पीछे की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। दरअसल, एक बार महमूद की बेटी का जन्मदिन था। उन्होंने नईम को नहीं बुलाया तो उन्होंने कहा कि मैं छोटा आर्टिस्ट हूं, इसीलिए आपने मुझे नहीं बुलाया। ऐसा कहने पर उन्होंने नईम को पार्टी में बुला लिया और उन्होंने उस पार्टी में महमूद साहब के गाने ‘हम काले हैं तो क्या हुआ दिलवाले हैं’ पर ऐसा डांस किया कि महमूद खुश हो गए और उन्हें अपना चेला बना लिया और उन्हें जूनियर महमूद नाम दिया।
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बता दें कि जूनियर महमूद छोटी उम्र में भी उनका गजब का स्टारडम था। उनका असली नाम मोहम्मद नईम है, लेकिन बाद में वह जूनियर महमूद के नाम से मशहूर हुए। कहा जाता है कि उस दौर में उन्होंने फिल्मों में इतनी शोहरत और दौलत कमाई कि मुंबई में उस दौर में केवल 10 या 12 इंपाला कार हुआ करती थीं, जिनमें से एक जूनियर महमूदके पास थी।
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