मुंबई । भारत को युवाओं का देश कहा जाता है। हमारे यहां जितने युवा उतने किसी भी देश में नहीं है। युवा चाहे तो धरती पताल एक करके नए नए कीर्तिमान रच सकता है। भारतीय फिल्म इंड्रस्ट्री में भी युवा कलाकारों की भरमार है लेकिन सही मौका नहीं मिल पाने के कारण वे अपनी प्रतिभा नहीं दिखा पा रहे है। ऐसे ही एक युवा अभिनेता है विशाल जेठवा…. जिनकी अदायगी के दीवाने आपको हर वर्ग में मिल जाएंगे लेकिन वे आज भी हिंदी फिल्म इंड्रस्ट्री में एक रोल पाने के लिए दर दर की ठोकरे खा रहे है।
विशाल जेठवा मुंबई में पले-बढ़े और बचपन में डांसर बनने का सपना देखा करते थे। कुछ समय बाद उन्हें एहसास हुआ कि डांसिंग से वो बोर हो चुके हैं । विशाल ने इसके बाद फौरन अपना गियर बदला और एक्टिंग में अपना लक आजमाने लगे। विशाल बताते हैं, सारेगामापा लिटिल चैंप शो के दौरान 2009 में जब अजय देवगन, सलमान खान अपनी फिल्म लंदन ड्रीम्स के प्रमोशन के लिए पहुंचे थे, तो उस वक्त मैं वहां बतौर बैकग्राउंड डांसर परफॉर्म किया करता था। उस वक्त डांस पर ही फोकस था, लेकिन आगे चलकर समझ आया कि मैं इससे बोर हो रहा हूं और फिर मैंने एक्टिंग की ओर रुख किया।
मै लगातार काम के लिए इधर उधर भटकता रहा। इस दौरान मुझे जो समझ आया उसे मैन किया । किरदार चाहे जो भी हो उसे मैने निभाया। इसी के परिणाम स्वरुप मुझे टीवी में महाराणा प्रताप में अकबर का किरदार ऑफर हुआ। जिसे मैने हंसी खुशी स्वीकार कर लिया। इस कैरेक्टर ने मेरी जिदंगी बदल दी और मुझे खूब प्यार और प्रशंसा मिली।अकबर का किरदार निभाने के बाद ही मुझे मर्दानी 2 में विलेन की भूमिका मिली।
विशाल जेठवा ने मर्दानी 2 में मुख्य विलेन का किरदार निभाया है। जिसे देखने के बाद फैंस और क्रिटिक के होश उड़ गए । विशाल ने मर्दानी 2 में शिव प्रसाद यादव के किरदार को जीवंत कर दिया। इस फिल्म में विशाल की एक्टिंग देखने लायक थी। इस फिल्म के बाद ऐसा लग रहा था कि विशाल की किस्मत चमक जाएगी और उन्हें ढेर सारी फिल्में मिल जाएगी लेकिन हुआ इसके विपरीत। विशाल को कोई भी फिल्म ऑफर नहीं हुई। उन्हें ले दे के सलाम वैंकी में काम मिला।
इसे आप हिंदी फिल्म इंड्रस्ट्री का दुर्भाग्य ही कहे कि एक ओर 50 से 60 साल के एक्टर्स को लगातार काम मिल रहा है वहीं दूसरी ओर विशाल जेठवा जैसे यंग एक्टर दर दर की ठोकरे खा रहे है। 50 से 60 के बीच के स्टार 20 से 30 साल की हीरोईन के साथ रोमांस कर रहे है। वहीं विशाल जैसे यंगस्टर्स एक- एक फिल्म के लिए तरस रहे है। अगर समय रहते इस ट्रेंड को खत्म नहीं किया गया तो हिंदी फिल्म इंड्रस्ट्री का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।