Chhath Puja 2023: छठ महापर्व का दूसरा दिन ‘खरना’ आज, नहाय खाय से शुरू हुआ 36 घंटे का निर्जला व्रत, जानें महत्व…
Chhath Puja 2023 Second Day Kharna: लोक आस्था छठ पूजा को बिहार में पूरे विधिवत तरीके से मनाया जाता है। निर्जला व्रत से प्रांरभ होता है।
Chhath Puja 2023 Second Day Kharna
Chhath Puja 2023 Second Day Kharna: लोक आस्था छठ पूजा को बिहार में पूरे विधिवत तरीके से मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 17 नवंबर से हो गई है। वहीं आज 18 नवंबर छठ पूजा का दूसरा दिन खरना का होता है। जिसे शुद्धिकरण भी कहा जाता है। सनातन धर्म में इस व्रत का बेहद ही खास महत्व है। बता दें कि इस पर्व को लोग सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा, प्रतिहार और डाला छठ के नाम से भी जानते हैं। इस दौरान भगवान सूर्य और छठ माता की पूजा का विधान है। यह व्रत 36 घंटे के निर्जला व्रत से प्रांरभ होता है।
यह महापर्व चार दिनों का होता है जिसकी शुरुआत नहाय खाय से होती है जो कि कल था। वहीं 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होगा। छठ एक ऐसा महापर्व है जिसमें बहुत से नियमों का ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए जरूरी है इसके जुड़ी हर नियम की जानकारी पहले से हो। तो चलिए जान लेते हैं कि खरना पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त क्या है और किन बातों का ख्याल रखना चाहिए ताकि सूर्य देव या छठी मईया नाराज ना हो जाएं।
खरना करने की तिथि
आज यानि 18 नवंबर 2023 को छठ का दूसरा दिन है। छठ के दूसरे दिन खरना करने की परंपरा है। खरना के दौरान सूर्योदय होने का समय सुबह 06:46 बजे होता है वहीं सूर्यास्त शाम 05:26 बजे होता है।
खरना का महत्व
छठ पूजा के दूसरे दिन जो महिलाएं व पुरुष व्रत रखते हैं वह पूरे दिन उपवास रखते हैं। सनातन धर्म में इस व्रत का बेहद ही खास महत्व है। जब सुर्य ढलने लगता है यानि सूर्यास्त के समय मिट्टी के नए चूल्हे तैयार कर उसपर गुड़ की खीर प्रसाद के रूप में तैयार किया जाता है। जिसे भगवान सूर्य को अर्पित करने के बाद व्रती ग्रहण करते हैं उसके बाद बाकी लोग।
जानें खरना के खास नियम
Chhath Puja 2023 Second Day Kharna
- छठ में साफ सफाई का खास ध्यान रखें।
- जो प्रसाद तैयार किया जाता है उसे भूल कर भी बनाते समय चखे नहीं।
- खरना पूजा के लिए प्रसाद ऐसे स्थान पर तैयार करें, जहां हर दिन खाना नहीं बनता हो।
- जलाने के लिए गन्ने के सूखे छिलके का इस्तेमाल करें प्रसाद बनाने के लिए।
- इन दिनों घर में प्याज और लहसुन का इस्तेमाल करना बंद कर दें।
- व्रती पलंग या चारपाई पर ना सोएं। जमीन पर कपड़ा बिछाकर ही सोएं।
- जो लोग इस व्रत को रखते हैं उन्हें कुछ भी खाने पीने से बचना है।
- नियम के अनुसार सूर्य को अर्घ्य दिए बिना किसी भी चीज का सेवन करने से व्रत खत्म हो जाता है।

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