डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति योग को करें दिनचर्या में शामिल

डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति योग को करें दिनचर्या में शामिल

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  • Publish Date - August 3, 2018 / 12:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 02:31 AM IST

हफ्ते में दो बार योग और प्राणायाम करने से अवसाद के लक्षणों से उबरने में मदद मिलती है। इसका असर अवसाद की दवा लेने या नहीं लेने वाले पर समान रूप से होता है।योग गुरु मनोज अग्रवाल के अनुसार  अवसाद से बचने के लिए योग एक बेहतर विकल्प है। डिप्रेशन वाले व्यक्ति को दवाओं के साथ ही साथ  योग की पद्धतियां अपनाना चाहिए जिससे उससे निकलने में मदद मिलती है।

अमेरिका के बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर क्रिस स्ट्रीटर ने कहा कि अवसाद के विकार को दूर करने में योग या प्राणायाम काफी मददगार होता है। जर्नल ऑफ ऑल्टरनेटिव एंड कॉप्लिमेंटरी मेडिसिन में प्रकाशित अध्ययन में आयंगर योग (योग का एक रूप) का इस्तेमाल किया गया, जिसमें आसन एवं श्वसन नियंत्रण में बारीकियों पर ध्यान दिया जाता है। 

 

दो समूहों में अध्ययन

अध्ययन में दो समूहों को शामिल किया गया। उनमें से एक समूह को हर हफ्ते 90 मिनट के योग की तीन कक्षाएं कराई गईं, जबकि उन्होंने घर पर भी योग का अभ्यास किया। इसमें वे लोग थे जो दवा की बड़ी खुराक ले रहे थे। दूसरे समूह में दवा की छोटी खुराक लेने वाले लोग शामिल थे, जिन्हें हर हफ्ते 90 मिनट के योग की दो कक्षाएं दी गईं और उन्होंने घर पर भी योग का अभ्यास किया। बाद में दोनों समूहों में अवसाद के लक्षणों में महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई।

वेब डेस्क IBC24