IBC24 Mind Summit: नई शिक्षा नीति में आखिर क्या है खास? मंत्री टंकराम वर्मा ने गिनाए ये फायदे, जानकर खुश हो जाएंगे युवा

Tankram verma in IBC24 Mind Summit: यह जो नई शिक्षा नीति है हम उसी पे आधारित है कि हम पढ़ाई के साथ-साथ जैसे मैंने सेमीकंडक्टर की बात किया, स्टार्टअप की बात किया और बहुत से मैकेनिकल का काम हैं। वहां से हमारे बच्चे जो है रोजगार के साथ वहां से बाहर निकलेंगे।

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  • Publish Date - December 13, 2025 / 06:25 PM IST,
    Updated On - December 13, 2025 / 06:25 PM IST

IBC24 Mind Summit, image source: ibc24

HIGHLIGHTS
  • जिम्मेदारी को निभाएंगे और अच्छा काम करके देंगे : मंत्री वर्मा
  • शिक्षा में गुणवत्ता होना चाहिए इसके लिए हम काम कर रहे : मंत्री वर्मा
  • नई शिक्षा नीति से ही मिलेंगे रोजगार के अवसर : मंत्री वर्मा

IBC24 Mind Summit: रायपुर। छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर आज मध्य भारत का सबसे बड़ा और विश्वसनीय न्यूज चैनल आईबीसी 24 छत्तीसगढ़ सरकार को ‘माइंड समिट’ के तौर पर मंच प्रदान कर रहा है। इस समिट में हम छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रियों से जहां उनके दो साल के अनुभव पर चर्चा कर रहे हैं, तो वहीं आने वाले तीन सालों के लिए विकास और जनकल्याण के रोडमैप को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं।

इस दौरान आईबीसी24 के मंच पर आज उच्चशिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने अपनी सरकार की दो साल की उप​​लब्धियां बताई और कई सवालों के बेवाक जवाब भी दिए। उनसे जब यह पूछा गया कि 13 दिसंबर 2023 जिस दिन आप लोगों ने शपथ लिया था। जब आपको यह विभाग अलॉट हुआ तो आपका फर्स्ट रिएक्शन क्या था?

जिम्मेदारी को निभाएंगे और अच्छा काम करके देंगे

इस पर मंत्री वर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात थी कि हम जैसे एक सामान्य कार्यकर्ता गांव के रहने वाले लोगों को हमारी पार्टी के प्रदेश और केंद्र नेतृत्व ने और हमारे मुख्यमंत्री ने हमको मंत्रिमंडल में स्थान दिया। हमारे लिए बहुत गर्व की बात थी। मन में बस ये था कि हमे जो भी विभाग देंगे, हम पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ हम लगन से पूरा काम करेंगे। जिम्मेदारी को निभाएंगे और अच्छा काम करके देंगे।

IBC24 Mind Summit मंत्री वर्मा ने कहा कि जब विभाग का बंटवारा हुआ तो उस समय मुझको राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग और साथ में मुझको खेल एवं युवा कल्याण विभाग मिला। उसके बाद अभी जो अगस्त में हमारे तीन नए मंत्री लिए हैं। उस समय थोड़ा सा फेरबदल हुआ कि खेल युवा कल्याण विभाग के जगह में मुझको ये हायर एजुकेशन को दिया गया और जब से हायर एजुकेशन मिला है तब से उसमें मैं लगातार काम कर रहा हूं। हम कोशिश कर रहे हैं कि शिक्षा विभाग में जो कि जीवन का मूल आधार है। शिक्षा में गुणवत्ता होना चाहिए। इसके लिए हम बहुत काम कर रहे हैं।

शिक्षक होना ज्यादा चैलेंजिंग था या अब शिक्षा मंत्री होना

जब उनसे यह पूछा गया कि शिक्षक होना ज्यादा चैलेंजिंग था या अब शिक्षा मंत्री होना ज्यादा चैलेंजिंग है? तो उन्होंने कहा कि चैलेंजिंग शब्द नहीं हम इसको एक मंदिर मान के चले, कर्म मान के चले, जो हमको जिम्मेदारी मिली यदि हम शिक्षक हैं तो शिक्षक के रूप में अच्छा काम करके दिखाएं। हमने जहां भी शिक्षक के रूप में रहे हैं। वहां हमने अच्छे काम करके दिखाए हैं आज भी लोग याद करते हैं और जो मंत्री पद है ये भी एक जिम्मेदारी का पद है कि हमको एक अच्छा रिजल्ट देना है। अच्छा काम करके देना है तो यह हमारे लिए अच्छा है कि हम चुनौती से जूझते भी रहें। जहां पे कमियां हैं उन कमियों के बीच में रह के काम करें तो हम इस विभाग में भी अच्छा काम करके हम दिखाएंगे।

शिक्षा और रोजगार के बीच समन्वय पर सवाल

मौजूदा जो हालात हैं इसमें आपने भी महसूस किया होगा कि सरकारी नौकरियां कहीं ना कहीं थोड़ी घट रही हैं। प्राइवेट नौकरियों में कंपटीशन बहुत ज्यादा है। ऐसे में बहुत जरूरी हो जाता है कि हम ऐसी शिक्षा दें। उच्च शिक्षा खासतौर पर कि वह रोजगार बच्चों को आसानी से मिल सके। छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में आप लोगों की क्या प्लानिंग है इसको लेकर कि रोजगार बच्चों तक पहुंच सके। इस पर मंत्री वर्मा ने कहा कि हमने एक कार्यशाला भी आयोजित किया था। कार्यशाला में बच्चे लोग आए थे तो उसमें पूछे कि कितने ऐसे बच्चे हैं जो पढ़ाई के साथ-साथ साइड में कोई वर्क कर रहे हैं और कितनी आमदनी हो रही है तो उसमें 25 बच्चे खड़े हुए और बड़ा अच्छा लगा सुन के कि ₹15,000 से लेकर के ₹25,000 तक के बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ अन्य काम कर रहे हैं। कोई पेंटिंग का काम कर रहा है। कोई कला का काम कर रहा है। कोई बुनाई का काम कर रहा है।

नई शिक्षा नीति से ही मिलेंगे रोजगार के अवसर

यह जो नई शिक्षा नीति है हम उसी पे आधारित है कि हम पढ़ाई के साथ-साथ जैसे मैंने सेमीकंडक्टर की बात किया, स्टार्टअप की बात किया और बहुत से मैकेनिकल का काम हैं। वहां से हमारे बच्चे जो है रोजगार के साथ वहां से बाहर निकलेंगे। आज सरकारी नौकरियां बहुत कम है। प्राइवेट सेक्टर में जैसा बताया कंपटीशन बहुत ज्यादा है। तो इन दोनों के बीच तीसरा रास्ता ये है जिसमें सारे हमारे जो युवा हैं हम उनको रोजगार मिल सकता है।

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक विश्वकर्मा योजना लागू किया है, जिसमें वहां पे सिखाते हैं रोजगार के अलग-अलग क्षेत्रों में कि क्या करना है, उनको ट्रेनिंग देते हैं। स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग के बाद सरकार ने उनके लिए आर्थिक सहायता के लिए बिना गारंटी के लोन दे रही है, इससे वो अपना रोजगार सृजन कर सकते हैं।

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