Funding Of Aurangzeb Tomb: औरंगजेब की कब्र और शिवाजी के मंदिर पर हर साल कितना होता है खर्च? RTI में बड़ा खुलासा

Funding Of Aurangzeb Tomb: सरकार हर साल औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रही है, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए मात्र 250 रुपये प्रति माह की सहायता राशि दी जाती है।

Funding Of Aurangzeb Tomb: औरंगजेब की कब्र और शिवाजी के मंदिर पर हर साल कितना होता है खर्च? RTI में बड़ा खुलासा

Funding Of Aurangzeb Tomb, imgar source: findall

Modified Date: March 11, 2025 / 04:11 pm IST
Published Date: March 11, 2025 4:11 pm IST
HIGHLIGHTS
  • शिवाजी महाराज के मंदिर को नाममात्र की राशि
  • कब्र के रखरखाव पर कितना खर्च कर रही सरकार
  • सरकार पर भेदभाव का आरोप

Funding Of Aurangzeb Tomb: देश में इन दिनों छत्रपति शिवाजी महाराज और मुगल शासक औरंगजेब को लेकर विवाद गरमाया हुआ है। इस मुद्दे पर कई राजनीतिक दल अपनी-अपनी सियासत कर रहे हैं। इसी बीच, एक आरटीआई (RTI) के खुलासे ने इस बहस को और हवा दे दी है। आरटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार हर साल औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रही है, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए मात्र 250 रुपये प्रति माह की सहायता राशि दी जाती है।

सरकार पर भेदभाव का आरोप

आरटीआई के इस खुलासे के बाद हिंदू जनजागृति संगठन ने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। संगठन का कहना है कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए बेहद कम सहायता राशि दी जाती है। संगठन ने इस असमानता को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सरकार से मांग की है कि शिवाजी महाराज के मंदिर को भी पर्याप्त सहायता मिले और औरंगजेब की कब्र के लिए दी जाने वाली सरकारी सहायता तुरंत बंद की जाए।

कब्र के रखरखाव पर कितना खर्च कर रही सरकार?

हिंदू जनजागृति संगठन के अनुसार, औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) हर साल लाखों रुपये खर्च कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021-22 में इस पर 2,55,160 रुपये, जबकि 2022-23 में 2,00,636 रुपये खर्च किए गए। अब तक इस कब्र के रखरखाव पर लगभग 6.50 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं।

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शिवाजी महाराज के मंदिर को नाममात्र की राशि?

संगठन ने यह सवाल उठाया है कि जिस छत्रपति शिवाजी महाराज ने अपना जीवन हिंदू धर्म, महाराष्ट्र की संस्कृति और स्वराज की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया, उनके मंदिर के लिए इतनी कम राशि क्यों दी जा रही है? संगठन ने मांग की है कि शिवाजी महाराज के मंदिर को पर्याप्त सरकारी सहायता दी जाए और औरंगजेब की कब्र पर होने वाले सरकारी खर्च को तुरंत रोका जाए।

क्या कहती है सरकार?

इस मामले पर सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन यह मुद्दा अब तूल पकड़ता जा रहा है, और आने वाले दिनों में इस पर और भी प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com