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Personal Law Board on Waqf Bill: वक्फ विधेयक को वापस ले सरकार, पारित हुआ तो करेंगे आंदोलन, पर्सनल लॉ बोर्ड ने दी चेतावनी
Personal Law Board on Waqf Bill : बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यदि विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
Publish Date - February 13, 2025 / 05:00 PM IST,
Updated On - February 13, 2025 / 05:40 PM IST
HIGHLIGHTS
विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को धार्मिक भेदभाव पर आधारित करार दिया
नयी दिल्ली: Personal Law Board on Waqf Bill, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को धार्मिक भेदभाव पर आधारित तथा संविधान के मूल्यों के खिलाफ करार दिया और कहा कि सरकार को ‘सबका साथ, सबका विकास’ के अपने नारे पर अमल करते हुए इस विधेयक को वापस लेना चाहिए। बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि यदि विधेयक को पारित किया गया तो राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।
मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने यह बयान उस वक्त दिया जब बृहस्पतिवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा के पटल पर रखा गया। रहमानी ने कहा, ‘हम समझते हैं कि सरकार के पास अभी मौका है कि वह इस विधेयक को वापस लेकर सबका साथ, सबका विकास के अपने नारे पर अमल करे।’ उनका कहना था, ‘यदि विधेयक संसद में पारित हुआ तो स्वीकार नहीं करेंगे।’
Personal Law Board on Waqf Bill, उन्होंने कहा कि वक्फ को लेकर कई तरह का झूठ फैलाया गया है और वक्फ संविधान में निहित अधिकार के तहत है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह रिपोर्ट धार्मिक भेदभाव पर आधारित है। रहमानी ने कहा कि जितना अधिकार अन्य धर्मों के लिए हो, उतना मुस्लिम समुदाय का भी होना चाहिए।
रहमानी ने आरोप लगाया, ‘सरकार को सच्चाई से चिढ़ है। झूठ बोलती है और झूठ फैलाती है।’ उन्होंने कहा कि यह कोई हिंदू मुस्लिम की लड़ाई नहीं है, अल्पसंख्यक बहुसंख्यक की लड़ाई नहीं है, यह इंसाफ की लड़ाई है। उनका यह भी कहना था कि उम्मीद है कि मजलूमों की इस लड़ाई में सभी लोग साथ देंगे।
रहमानी ने यह दावा भी किया कि एक समुदाय को नुकसान पहुंचाने और दबाव में रखने के लिए यह समान नागरिक संहिता का राग छेड़ा गया है। उन्होंने कहा, ‘हमें यह स्वीकार नहीं है। कानून के दायरे में रहकर हम किसी भी हद तक लड़ाई लड़ेंगे।’
वक्फ (संशोधन) विधेयक एक नया प्रस्तावित कानून है, जो भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन से संबंधित कुछ बदलाव लाने की बात करता है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का दावा है कि यह विधेयक धार्मिक भेदभाव पर आधारित है और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का हनन करता है।
2. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस विधेयक का विरोध क्यों कर रहा है?
बोर्ड का कहना है कि यह विधेयक संविधान में निहित धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुस्लिम समुदाय को अन्य धर्मों के अनुयायियों की तुलना में कम अधिकार देने की कोशिश करता है। उनका आरोप है कि सरकार वक्फ संपत्तियों को लेकर झूठ फैला रही है और धार्मिक भेदभाव कर रही है।
3. अगर यह विधेयक पारित हो गया तो मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड क्या करेगा?
बोर्ड के अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा है कि यदि यह विधेयक पारित हुआ तो वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ा आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने कानूनी और लोकतांत्रिक दायरे में रहकर विरोध करने की बात कही है।
4. सरकार इस विधेयक को क्यों ला रही है?
सरकार का तर्क यह हो सकता है कि वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रशासन और पारदर्शिता के लिए यह संशोधन जरूरी है। हालांकि, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है कि सरकार इस विधेयक के जरिए एक समुदाय को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है।
5. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मांग क्या है?
बोर्ड की मांग है कि सरकार इस विधेयक को वापस ले और 'सबका साथ, सबका विकास' के नारे पर अमल करे। उनका कहना है कि यदि अन्य धर्मों को अपनी धार्मिक संपत्तियों पर पूर्ण अधिकार है, तो मुस्लिम समुदाय को भी वही अधिकार मिलने चाहिए।