Gratuity limit increased for Govt employees, image source: ibc24
नई दिल्ली: Gratuity limit increased for Govt employees, यदि आप सरकारी नौकरी में हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। अब केंद्रीय कर्मचारियों को 25 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी (Gratuity) मिल सकती है। इस बढ़ोतरी का लाभ उठाने के लिए क्या शर्तें हैं, ग्रेच्युटी की गणना कैसे होती है, और कौन-कौन से कर्मचारी इससे लाभान्वित होंगे, इस खबर में हम आपको पूरी जानकारी देंगे।
ग्रेच्युटी वह एकमुश्त राशि होती है जो किसी कर्मचारी को नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्त होने पर दी जाती है। इसे कंपनी द्वारा कर्मचारी की सेवा के बदले इनाम के रूप में प्रदान किया जाता है। यह राशि कर्मचारी की अंतिम वेतन और उसकी नौकरी की अवधि के आधार पर तय की जाती है।
केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2024 से केंद्रीय कर्मचारियों की ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दिया है। यह निर्णय महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में 50% की वृद्धि के कारण लिया गया। 30 मई 2024 को पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा जारी एक सर्कुलर में इस नई सीमा की घोषणा की गई थी।
Gratuity limit increased for Govt employees, ग्रेच्युटी अधिनियम विभिन्न क्षेत्रों जैसे कारखाने, खदानें, ऑयल फील्ड, बागान, रेलवे, मोटर परिवहन उपक्रम, और कम से कम 10 कर्मचारियों वाली दुकानों पर लागू होता है। यह अधिनियम कर्मचारियों को प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए 15 दिनों के वेतन के बराबर ग्रेच्युटी भुगतान प्राप्त करने का अधिकार देता है।
गैर-सरकारी कर्मचारियों के लिए इसकी सीमा 10 लाख रुपये है। वहीं, सीजनल प्रतिष्ठान (Seasonal Establishments) में यह भुगतान हर सीजन के सात दिनों की मजदूरी के आधार पर होता है।
ग्रेच्युटी अधिनियम के तहत, कर्मचारी को निम्नलिखित परिस्थितियों में ग्रेच्युटी दी जाती है:
लगातार पांच वर्षों की सेवा के बाद इस्तीफा देने पर।
कंपनी की नीति के अनुसार सेवानिवृत्ति लेने पर।
कर्मचारी की मृत्यु होने की स्थिति में नॉमिनी को ग्रेच्युटी मिलती है।
किसी दुर्घटना या बीमारी के कारण दिव्यांग हो जाने पर, भले ही उसने 5 वर्ष पूरे न किए हों।
भूमिगत खदानों में कार्यरत कर्मचारी यदि 4 वर्ष 190 दिन काम कर लें।
अन्य संगठनों में कार्यरत कर्मचारी यदि 4 वर्ष 240 दिन (4 वर्ष 8 महीने) तक लगातार काम कर लें।
ग्रेच्युटी की गणना निम्नलिखित फॉर्मूले से की जाती है:
(अंतिम वेतन) × (नौकरी के कुल वर्ष) × (15/26)
अंतिम वेतन में बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता (DA) और कमीशन शामिल होते हैं।
महीने में 26 कार्य दिवस माने जाते हैं।
औसत 15 दिनों की सैलरी के आधार पर ग्रेच्युटी तय होती है।
ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए कर्मचारी को अपनी कंपनी में फॉर्म I में आवेदन देना होता है। यदि कर्मचारी किसी कारणवश ऐसा नहीं कर सकता, तो उसका नामांकित व्यक्ति या कानूनी उत्तराधिकारी आवेदन कर सकता है।
आवेदन प्राप्त होने पर कंपनी इसे सत्यापित करती है और तत्काल ग्रेच्युटी राशि की गणना करती है।
ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम, 1972 के अनुसार, नियोक्ता को भुगतान देय तिथि से 30 दिनों के भीतर करना अनिवार्य है।
यदि किसी कारणवश भुगतान देरी से किया जाता है, तो नियोक्ता को बकाया राशि पर ब्याज देना पड़ सकता है।
यदि किसी कर्मचारी को ग्रेच्युटी राशि को लेकर कोई विवाद होता है, तो वह संबंधित क्षेत्र की गवर्निंग बॉडी में फॉर्म N के माध्यम से आवेदन कर सकता है। मामले का निपटारा नियमानुसार किया जाएगा।
केंद्र सरकार के इस निर्णय से लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा। यदि आप सरकारी नौकरी में हैं और ग्रेच्युटी के पात्र हैं, तो यह जानना आवश्यक है कि आपको किस प्रकार अधिकतम लाभ मिल सकता है। 25 लाख रुपये की नई सीमा कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है और उनकी सेवानिवृत्ति योजना को सुरक्षित बनाएगी।