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‘लव अफेयर में बनाए फिजिकल रिलेशन क्राइम नहीं’, कोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोपी को दी जमानत
physical relations in a love affair: कोर्ट ने एक 21 साल के युवक को बेल दे दी है। युवक पर आरोप था कि उसने पहले 15 साल की लड़की का अपहरण किया और उसके बाद उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
Publish Date - April 15, 2025 / 09:28 AM IST,
Updated On - April 15, 2025 / 09:30 AM IST
physical relations in a love affair, file image
ठाणे : physical relations in a love affair एक कोर्ट ने 15 साल की बच्ची से रेप करने वाले 21 साल के आरोपी को जमानत दे दी। कोर्ट का मानना है कि लव अफेयर में बनाए गए सेक्सुअल संबंध अपराध की श्रेणी में नहीं आते हैं। आरोपी पर BNS और POCSO एक्ट के तहत आरोप लगे थे।
आपको बता दें कि, महाराष्ट्र के ठाणे में विशेष POCSO अदालत ने एक अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने एक 21 साल के युवक को बेल दे दी है। युवक पर आरोप था कि उसने पहले 15 साल की लड़की का अपहरण किया और उसके बाद उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
अदालत ने कहा कि ऐसा मालुम हो रहा है कि लड़की और लड़के के बीच सहमति से शारीरिक संबंध बने थे। कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की, कि लड़की इस काम के परिणामों को समझने के लिए काफी समझदार थी, फिर भी उसने संबंध बनाए।
विशेष न्यायाधीश डीएस देशमुख ने कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। लेकिन, युवक और लड़की के बीच प्रेम संबंध होने के सबूत भी मिले हैं। कोर्ट ने दोनों के लव अफेयर में हुए सहमति के संबंध को रेप नहीं माना और आरोपी के जमानत दे दी।
physical relations in a love affair सरकारी अधिवक्ता के अनुसार, लड़की के पिता ने पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत लिखाई थी। तलाश के दौरान पुलिस को लड़की, भिवंडी के वाडा इलाके में युवक के साथ मिली। लड़की ने पुलिस को बताया कि वह और लड़का रिश्ते में थे। उसने यह भी बताया कि 25 से 28 दिसंबर, 2024 के बीच उन्होंने शारीरिक संबंध बनाए थे।
कोर्ट ने कर दी बड़ी टिप्पड़ी
ठाणे की विशेष अदालत ने कहा कि युवक को जेल में रखने से कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि, जांच पूरी हो चुकी है और आरोप पत्र भी दाखिल कर दिया गया है। जज ने शख्स को जमानत देते हुए कई पुराने फैसलों और दूसरे मामलों का हवाला दिया। अदालत ने इस मामले में राहत देते हुए कुछ शर्तों का भी पालन करने का निर्देश भी दिया है।
क्या नाबालिग लड़की की सहमति से बने शारीरिक संबंध को कानून में रेप नहीं माना जाता?
उत्तर: भारत में यदि लड़की 18 साल से कम उम्र की है, तो उसकी सहमति से भी बनाए गए शारीरिक संबंध को कानूनी रूप से रेप (बलात्कार) माना जाता है। यह POCSO एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) और भारतीय दंड संहिता (BNS या IPC) के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है।
फिर कोर्ट ने आरोपी को जमानत क्यों दी?
उत्तर: कोर्ट ने यह माना कि लड़का और लड़की के बीच आपसी प्रेम संबंध था और संबंध सहमति से बने थे। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि लड़की “परिणामों को समझने में सक्षम” थी। चूंकि जांच पूरी हो चुकी थी और चार्जशीट दाखिल हो चुकी थी, कोर्ट ने यह निष्कर्ष निकाला कि आरोपी को जेल में रखना अब जरूरी नहीं है।
क्या इसका मतलब है कि POCSO एक्ट में बदलाव हुआ है?
उत्तर: नहीं, कानून में कोई बदलाव नहीं हुआ है। POCSO एक्ट अभी भी कहता है कि 18 साल से कम उम्र की लड़की के साथ संबंध बनाना अपराध है। हालांकि, कोर्ट केस-टू-केस आधार पर परिस्थितियों को देखकर निर्णय ले सकती है, खासकर अगर संबंध प्रेमसंबंध में बने हों और ज़बरदस्ती का कोई ठोस सबूत न हो।
क्या इस फैसले से भविष्य में अन्य मामलों में भी आरोपियों को राहत मिल सकती है?
उत्तर: संभव है, अगर अदालत को यह लगे कि संबंध आपसी सहमति से थे और कोई “शोषण” का उद्देश्य नहीं था। लेकिन यह हर केस में लागू नहीं होता। अदालत हर मामले की परिस्थितियों और सबूतों के आधार पर फैसला लेती है।
क्या जमानत मिलने का मतलब आरोपी निर्दोष है?
उत्तर: नहीं। जमानत का मतलब सिर्फ यह है कि आरोपी को ट्रायल खत्म होने तक जेल में नहीं रखा जाएगा। ट्रायल के बाद कोर्ट यह तय करेगी कि वह दोषी है या नहीं।