Minister Shivraj Singh Chouhan Meeting | Image Source | IBC24
नई दिल्ली: Minister Shivraj Singh Chouhan Meeting: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज राजधानी दिल्ली में कृषि क्षेत्र की साप्ताहिक प्रगति समीक्षा बैठक की। बैठक में देशभर में चल रही फसल कटाई, बुआई और उपार्जन गतिविधियों की विस्तृत जानकारी ली गई साथ ही किसानों के हितों को सर्वोपरि रखते हुए अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए।
Minister Shivraj Singh Chouhan Meeting: बैठक में केंद्रीय कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी समेत मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। केंद्रीय मंत्री ने विशेष रूप से मंडियों में फसलों की आवक और खरीद व्यवस्थाओं की समीक्षा की और निर्देश दिए कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं।
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Minister Shivraj Singh Chouhan Meeting: कृषि मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार ग्रीष्मकाल 2025 में बुआई क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। धान की बुआई में 4.65 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.33 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.98 लाख हेक्टेयर हो गई है। मूंग में 1.65 लाख हेक्टेयर और उड़द में 0.61 लाख हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई है। कुल मिलाकर ग्रीष्मकालीन फसलों का क्षेत्रफल 4 अप्रैल 2025 तक 60.22 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 52.40 लाख हेक्टेयर से काफी अधिक है।
Minister Shivraj Singh Chouhan Meeting: देशभर में रबी फसलों की कटाई का कार्य तेज़ी से चल रहा है। अब तक रबी क्षेत्र के 58.71% हिस्से में कटाई पूरी हो चुकी है। दलहनों में लथीरस (96%), उड़द (94%), कुलथी (90%) और मूंग (89%) की कटाई हो चुकी है। श्री अन्न एवं मोटे अनाज ज्वार की 95% कटाई पूरी। तिलहन रेपसीड और सरसों की 90% तक कटाई हो चुकी है। गेहूं की 38% और चावल की 32.93% कटाई पूरी हो चुकी है।
Minister Shivraj Singh Chouhan Meeting: केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि किसानों को खाद, बीज और अन्य कृषि आदानों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। बैठक में बताया गया कि सभी जरूरी उर्वरकों की स्थिति संतोषजनक है और किसानों को किसी प्रकार की कमी नहीं होने दी जाएगी। सरकार का प्रयास है कि देश के हर किसान को समय पर संसाधन, सही कीमत और बाज़ार तक पहुंच मिले। हमारा लक्ष्य केवल उत्पादन बढ़ाना नहीं बल्कि किसान की समृद्धि सुनिश्चित करना है।