Ambulance Traffic Rules : जाम के दौरान भी यदि एम्बुलेंस आती दिखे तो कर लें किनारा.. नहीं तो कचहरी के चक्कर लगाते-लगाते घीस जाएँगी चप्पलें

Even during a traffic jam, if you see an ambulance coming, move aside.. otherwise your slippers

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  • Publish Date - August 20, 2025 / 04:04 PM IST,
    Updated On - August 20, 2025 / 04:04 PM IST

Ambulance Traffic Rules

Ambulance Traffic Rules : सड़क पर चलते वक्त आपको बहुत से नियमों का पालन करना होता है नियम तोड़ने वालों पर होती है सख्त कार्रवाई। इस गलती के लिए भरना पड़ सकता है भारी भरकम चालान.. इसलिए भूल से भी न रोकें एंबुलेंस का रास्ता वरना चुकानी पड़ सकती हैं भारी कीमत। कई नियम ऐसे होते हैं जो ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होते। इन्हीं में से एक नियम एंबुलेंस से जुड़ा है।

Ambulance Traffic Rules

कई बार देखा जाता है कि सड़क पर जाम के दौरान लोग एंबुलेंस को रास्ता देने में लापरवाही करते हैं. कुछ वाहन चालक तो जानबूझकर भी एंबुलेंस के आगे अपनी गाड़ी लगाकर रास्ता रोक देते हैं. ऐसे हालात में मरीज को समय पर इलाज न मिल पाने का खतरा बढ़ जाता है।

Ambulance Traffic Rules

एंबुलेंस का रास्ता रोकना माना जाता है अपराध
एंबुलेंस जब भी रास्ते से गुजरती दिखती है। तो बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो मन ही मन एंबुलेंस में मौजूद मरीज की सलामती की दुआएं मांग लेते हैं। आपने देखा होगा कि कई बार ट्रैफिक जाम होने के बाद भी एंबुलेंस निकालने का रास्ता दिया जाता है। कोई भी एंबुलेंस का रास्ता नहीं रोकता। मोटर व्हीकल एक्ट 2019 की धारा 194ई के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर एम्बुलेंस का रास्ता रोकता है, तो उस पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, 6 महीने तक की जेल भी हो सकती है।

Ambulance Traffic Rules

एम्बुलेंस को रास्ता न देना एक गंभीर अपराध है, क्योंकि इससे मरीज की जान को खतरा हो सकता है। एम्बुलेंस को रास्ता देना एक नैतिक जिम्मेदारी है, क्योंकि हर सेकंड मरीज के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस नियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपातकालीन वाहनों को सड़क पर प्राथमिकता मिले और वे बिना किसी बाधा के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें। यह नियम न केवल एम्बुलेंस के लिए, बल्कि अन्य आपातकालीन वाहनों जैसे फायर ब्रिगेड के लिए भी लागू होता है। 

Ambulance Traffic Rules

ट्रैफिक नियमों के अनुसार, हर वाहन चालक की जिम्मेदारी है कि जैसे ही एंबुलेंस का सायरन सुनाई दे, वह तुरंत साइड देकर रास्ता खाली करे। एंबुलेंस की देरी मरीज की जान ले सकती है और ऐसे में ड्राइवर को दोषी माना जाता है। अगर कोई जानबूझकर एंबुलेंस को रोकता है या आगे बढ़ने नहीं देता। तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. नियम तोड़ने पर मोटा जुर्माना भरना पड़ता है।

इस सख्त नियम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एंबुलेंस को सड़क पर हमेशा प्राथमिकता मिले और मरीज को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके..

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