Pakistan Wedding News/Image Source: IBC24
इस्लामाबाद: Pakistan Wedding News: पाकिस्तान में इन दिनों एक अजीब और नया ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, जिसे ‘फेक वेडिंग’ या नकली शादी कहा जा रहा है। यह एक तरह की सामाजिक पहल है, जिसमें असली शादी की तरह भव्य समारोह, सजावट और संगीत होता है, लेकिन दूल्हा-दुल्हन के बीच कोई जीवन भर के वादे नहीं होते। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस तरह की शादियों में महिला ही दूल्हा बनती है। हालांकि, यह समलैंगिक विवाह नहीं है, बल्कि एक संगठित और ड्रामा-फ्री शादी का मजा लेने का एक तरीका है।
Pakistan Wedding News: पाकिस्तान में फेक वेडिंग का चलन साल 2023 से तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। यह एक तरह का सामाजिक कार्यक्रम है, जिसमें महिलाएं एक साथ आकर शादी की रस्मों का आनंद उठाती हैं। इस शादी में सब कुछ असली शादी की तरह होता है सजावट, फूलों से सजी मेज़ें, मेहंदी, संगीत, गीत और शादी के सारे प्रचलित कार्यक्रम। हालांकि, इसमें कोई वादा नहीं होता। दूल्हा-दुल्हन एक-दूसरे से जीवन भर साथ रहने का कोई वचन नहीं लेते। यह केवल एक मौका है, जब महिलाएं समाजिक दबाव से मुक्त होकर एक दूसरे के साथ शादियों के माहौल का आनंद लेती हैं। पाकिस्तान की इन फेक शादियों में जो सबसे चौंकाने वाली बात है, वह यह है कि यहां दूल्हा महिला होती है। जी हां, महिलाओं के लिए यह एक अवसर है कि वे शादी के फंक्शन का पूरा मजा लें, बिना किसी सामाजिक दबाव के। हालांकि यह समलैंगिक विवाह नहीं है, बल्कि एक नया सामाजिक कार्यक्रम है, जहां महिलाएं एक-दूसरे के साथ मिलकर अपनी पसंद के अनुसार शादी की रस्मों का आनंद उठाती हैं।
Pakistan Wedding News: पंज्रश, एक स्टैंड-अप कॉमेडियन और कंटेंट क्रिएटर जिन्होंने इस फेक वेडिंग में दुल्हन की भूमिका निभाई, ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि एक अविवाहित महिला के तौर पर उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे शादी के इस खास अनुभव का हिस्सा बनेंगी। वे कहती हैं आम तौर पर शादी के लिए समाज और परिवार का दबाव महसूस होता है। लेकिन यहां सब कुछ ड्रामा-फ्री था, और यह अनुभव बिल्कुल अलग था। पाकिस्तान में फेक वेडिंग का चलन मुख्य रूप से समाज की पारंपरिक सोच और दबावों से बाहर आने के लिए शुरू हुआ है। बहुत सी महिलाएं इस तरह की शादियों में शामिल होकर यह महसूस करती हैं कि वे समाज से मुक्त होकर अपनी इच्छाओं और पसंद के हिसाब से शादियों के कार्यक्रम का हिस्सा बन सकती हैं। वे इसे एक तरह का खुद को अभिव्यक्त करने का तरीका मानती हैं, जहां पारंपरिक शादी के बोझ से मुक्त होकर सिर्फ उत्सव का आनंद लिया जा सकता है।