Russia Pakistan Steel Deal: भारत-पाक तनाव के बीच रूस ने पकड़ा पाकिस्तान का हाथ, अरबों की डील से मचा हलचल! क्या डबल गेम खेल रहे हैं पुतिन?
भारत-पाक तनाव के बीच रूस ने पकड़ा पाकिस्तान का हाथ...Russia Pakistan Steel Deal: Amidst Indo-Pak tension, Russia holds Pakistan's hand
Russia Pakistan Steel Deal | Image Source | IBC24
- रूस ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए
- कराची में एक अत्याधुनिक स्टील प्लांट का निर्माण किया जाएगा
- इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 2.6 अरब डॉलर है,
नई दिल्ली: Russia Pakistan Steel Deal: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में रूस ने पाकिस्तान के साथ एक महत्वपूर्ण आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं जिससे क्षेत्रीय रणनीतिक संतुलन पर भी असर पड़ सकता है। इस समझौते के तहत कराची में एक अत्याधुनिक स्टील प्लांट का निर्माण किया जाएगा जो कि वर्षों से बंद पड़ी पाकिस्तान स्टील मिल्स को फिर से सक्रिय करने की योजना का हिस्सा है। इस परियोजना की अनुमानित लागत करीब 2.6 अरब डॉलर है।
Russia Pakistan Steel Deal: पाकिस्तान स्टील मिल्स की स्थापना 1970 के दशक में सोवियत संघ की मदद से की गई थी। यह प्लांट 2015 में आर्थिक और तकनीकी कारणों से बंद हो गया था जिससे पाकिस्तान की घरेलू स्टील उत्पादन क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। अब रूस के सहयोग से इस मिल को न सिर्फ फिर से चालू किया जा रहा है बल्कि इसे आधुनिक स्टील उत्पादन तकनीकों से लैस किया जाएगा। इससे पाकिस्तान को स्टील के आयात पर अपनी निर्भरता में लगभग 30% की कमी आने की उम्मीद है।
Russia Pakistan Steel Deal: रूसी प्रतिनिधि डेनिस नजरूफ और पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस समझौते की पुष्टि की है। आंकड़ों के अनुसार मार्च 2025 में ही पाकिस्तान ने स्टील स्क्रैप और अर्ध-निर्मित उत्पादों के आयात पर 324 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। नए स्टील प्लांट से न सिर्फ यह आयात बिल कम होगा बल्कि कराची और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हज़ारों नए रोज़गार के अवसर भी सृजित होंगे जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। हालांकि यह समझौता आर्थिक प्रकृति का है लेकिन इसका रणनीतिक प्रभाव नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
Russia Pakistan Steel Deal: विशेष रूप से उस समय जब भारत और पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद तनाव चरम पर है। भारत के लिए रूस का यह कदम कुछ हद तक असहज करने वाला हो सकता है खासकर जब रूस ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है लेकिन पूरी तरह से तटस्थ रुख अपनाया है। भारत और रूस के संबंध पारंपरिक रूप से रणनीतिक और रक्षा सहयोग पर आधारित रहे हैं। लेकिन हाल के वर्षों में रूस और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकी जैसे सस्ता रूसी कच्चा तेल, कराची-लाहौर गैस पाइपलाइन परियोजना, और समुद्री व्यापार सेवा यह संकेत देती है कि मास्को अब दक्षिण एशिया में अपने आर्थिक हितों का विस्तार कर रहा है।

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