Mani M. Shekhar Arrested: नया नाम रखा..नई पहचान बनाई, फिर भी बच नहीं पाई, 20 साल बाद CBI ने किया गिरफ्तार

Mani M. Shekhar arrested: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ₹8 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में लंबे समय से फरार घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) रही श्रीमती मणि एम. शेखर को गिरफ्तार कर लिया है।

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  • Publish Date - July 17, 2025 / 06:27 PM IST,
    Updated On - July 17, 2025 / 06:33 PM IST
HIGHLIGHTS
  • 27 फरवरी 2009 को अदालत द्वारा फरार घोषित
  •  नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल, पैन आदि सब कुछ बदल लिया

बेंगलुरु : Mani M. Shekhar arrested, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ₹8 करोड़ के बैंक धोखाधड़ी मामले में लंबे समय से फरार घोषित अपराधी (Proclaimed Offender) रही श्रीमती मणि एम. शेखर को गिरफ्तार कर लिया है।

दरअसल, यह मामला सीबीआई बीएसएफबी, बेंगलुरु द्वारा 01 अगस्त 2006 को दर्ज किया गया था, जिसमें रामानुजम मुथुरमलिंगम शेखर उर्फ आर.एम. शेखर, प्रबंध निदेशक, एम/एस इंडो मार्क्स प्राइवेट लिमिटेड और श्रीमती मणि एम. शेखर, निदेशक, एम/एस इंडो मार्क्स एवं बीटीसी होम प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड समेत अन्य के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। आरोपियों पर 2002 से 2005 के बीच षड्यंत्र रचकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओवरसीज ब्रांच, बेंगलुरु को ₹800 लाख की राशि का ग़बन करने का आरोप था, जिसमें गैर-निधि आधारित लिमिट्स का दुरुपयोग किया गया।

27 फरवरी 2009 को अदालत द्वारा फरार घोषित

जांच पूरी होने के बाद 10 दिसंबर 2007 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। दोनों आरोपी पति-पत्नी ने न तो मुकदमे में पेशी दी और न ही समन/वारंट का पालन किया। इसके चलते उन्हें 27 फरवरी 2009 को अदालत द्वारा फरार घोषित किया गया।

वर्षों तक लगातार प्रयासों के बावजूद आरोपी पकड़ में नहीं आए, जिसके बाद सीबीआई ने उनकी गिरफ्तारी के लिए ₹50,000-₹50,000 का इनाम घोषित किया। इस बीच अन्य सह-आरोपियों पर मुकदमा चला और उन्हें दोषी/निर्दोष ठहराया गया, लेकिन इन दोनों के खिलाफ मुकदमा लंबित रहा।

 नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल, पैन आदि सब कुछ बदल लिया

आरोपियों ने अपनी पहचान बदल ली थी और पुराने केवाईसी विवरणों का इस्तेमाल नहीं किया। उन्होंने अपने नाम क्रमशः कृष्ण कुमार गुप्ता (पति) और गीता कृष्ण कुमार गुप्ता (पत्नी) रख लिए और मोबाइल नंबर, ईमेल, पैन आदि सब कुछ बदल लिया।

सीबीआई ने उन्नत इमेज सर्च और तुलना उपकरणों का उपयोग करते हुए उनकी डिजिटल गतिविधियों का विश्लेषण किया। इमेज विश्लेषण के जरिए यह पता चला कि आरोपी इंदौर, मध्य प्रदेश में नई पहचान के साथ रह रहे हैं। ज़मीन पर हुई पुष्टि के बाद सीबीआई की टीम ने उन्हें इंदौर में ढूंढ निकाला।

मणि एम. शेखर को 12 जुलाई 2025 को गिरफ्तार

तलाशी के दौरान यह भी सामने आया कि रामानुजम मुथुरमलिंगम शेखर उर्फ आर.एम. शेखर की 2008 में (नई पहचान के साथ) मृत्यु हो चुकी थी। उनकी पत्नी श्रीमती मणि एम. शेखर को 12 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर बेंगलुरु की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अब वह लगभग दो दशक बाद मुकदमे का सामना कर रही हैं।

90 प्रतिशत से अधिक सटीकता के साथ फोटो मिलान ने नई पहचान के बावजूद उनकी पहचान सुनिश्चित करने में मदद की। यह मामला इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि किस तरह तकनीक आधारित उपकरण और ज़मीनी स्तर पर अधिकारियों की प्रतिबद्धता मिलकर लंबे समय से फरार अपराधियों को पकड़ने में क़ानून लागू करने वाली एजेंसियों की क्षमता को कई गुना बढ़ा सकते हैं।

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मणि एम. शेखर को किस मामले में गिरफ्तार किया गया है?

उत्तर: उन्हें ₹8 करोड़ की बैंक धोखाधड़ी (Bank Fraud) के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह धोखाधड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ओवरसीज ब्रांच, बेंगलुरु के साथ 2002 से 2005 के बीच की गई थी।

यह मामला पहली बार कब दर्ज किया गया था?

उत्तर: यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा 1 अगस्त 2006 को दर्ज किया गया था।

आरोपी इतने वर्षों तक कैसे बचते रहे?

उत्तर: मणि एम. शेखर और उनके पति ने अपनी पहचान बदल ली थी और नए नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल, पैन आदि का इस्तेमाल करने लगे। उन्होंने क्रमशः गीता कृष्ण कुमार गुप्ता और कृष्ण कुमार गुप्ता के नाम से जीवन व्यतीत करना शुरू किया।

उन्हें आखिरकार कैसे पकड़ा गया?

उत्तर: CBI ने इमेज सर्च और चेहरे की तुलना (facial recognition) जैसे उन्नत तकनीकी उपकरणों का उपयोग किया। डिजिटल गतिविधियों का विश्लेषण कर उनकी पहचान उजागर की गई और इंदौर, मध्य प्रदेश में ज़मीनी स्तर पर पुष्टि करने के बाद गिरफ्तारी की गई।