Operation Sindoor पर शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी का बयान, ‘सरकार तय करे कि यह देश में आतंकवाद के अंत की शुरूआत है’

Himanshi Narwal on Operation Sindoor: शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल कहती हैं मैं सरकार की शुक्रगुजार हूं, लेकिन मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि इसे यहीं खत्म न करें। मैं चाहती हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि यह हमारे देश में आतंकवाद के अंत की शुरुआत है।"

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  • Publish Date - May 7, 2025 / 07:04 PM IST,
    Updated On - May 7, 2025 / 07:07 PM IST

Himanshi Narwal on Operation Sindoor, image source: PTI

HIGHLIGHTS
  • हमले के बाद उन्होंने दो घंटे तक अकेले युद्ध लड़ा
  • हिमांशी नरवाल ने कहा भारतीय सेना पर गर्व
  • यह हमारे देश में आतंकवाद के अंत की शुरुआत

Himanshi Narwal on Operation Sindoor: पहलगाम आतंकी हमले में शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल कहती हैं, “मेरे पति रक्षा बलों में थे और वह शांति की रक्षा करना चाहते थे, निर्दोष लोगों की जान बचाना चाहते थे। वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि इस देश में नफरत और आतंक न हो। मैं सरकार की शुक्रगुजार हूं, लेकिन मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि इसे यहीं खत्म न करें। मैं चाहती हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि यह हमारे देश में आतंकवाद के अंत की शुरुआत है।”

हिमांशी ने 22 अप्रैल की उस खौफनाक रात को याद करते हुए बताया कि जब हमला हुआ, तब उनकी शादी को सिर्फ 6 दिन हुए थे। उन्होंने आतंकियों से रहम की अपील की थी, लेकिन आतंकियों ने कहा, इसका जवाब मोदी जी से लेना। आज सेना और मोदी सरकार ने उसी का जवाब दे दिया है।

हिमांशी नरवाल ने कहा भारतीय सेना पर गर्व

शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल हनीमून मनाने पहलगाम गए थे। आतंकी हमले में पति लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। विनय करनाल शहर के सेक्टर 7 के रहने वाले थे। 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी, 18 अप्रैल को रिसेप्शन और 22 अप्रैल को विनय नरवाल की हत्या कर दी गई थी।

हिमांशी नरवाल ने कहा कि हमें खुशी है कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला लिया गया, साथ ही हिमांशी ने कहा कि दुख भी है कि अब विनय और बाकी 26 भारतीय हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने उस कायराना हमले के दोषियों पर कार्यवाही की मांग की थी, जिसे अब पूरा कर दिया गया है। हालांकि, उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया और उन्हें लेकर अभद्र टिप्पणियां की गईं, जिससे वह बहुत आहत हैं।

हमले के बाद उन्होंने दो घंटे तक अकेले युद्ध लड़ा

हिमांशी ने बताया कि हमले के बाद उन्होंने दो घंटे तक अकेले युद्ध लड़ा और उनके साथ 26 और महिलाएं भी थीं, जिन्हें उम्मीद थी कि सरकार और सेना उनके ज़ख्मों पर मरहम लगाएगी। आज की इस सर्जिकल एक्शन ने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

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ऑपरेशन सिंदूर क्या है और इसका मकसद क्या था?

उत्तर: ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सेना द्वारा किया गया एक सटीक सैन्य अभियान था, जिसका उद्देश्य पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेना और आतंकियों को उनके गुनाह की सजा देना था। यह कार्रवाई शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल समेत अन्य 26 भारतीयों की शहादत का जवाब थी।

हिमांशी नरवाल ने सरकार से क्या मांग की है?

उत्तर: हिमांशी नरवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि ऑपरेशन सिंदूर को सिर्फ एक बदले की कार्रवाई न माना जाए, बल्कि इसे देश से आतंकवाद के पूर्ण खात्मे की शुरुआत समझा जाए। उन्होंने कहा कि उनके पति शांति के प्रतीक थे और वह चाहते थे कि भारत आतंक और नफरत से मुक्त हो।

शहीद विनय नरवाल और हिमांशी की शादी कब हुई थी?

उत्तर: विनय नरवाल और हिमांशी की शादी 16 अप्रैल को हुई थी, 18 अप्रैल को रिसेप्शन हुआ और 22 अप्रैल को आतंकी हमले में विनय नरवाल शहीद हो गए। हमले के वक्त दोनों हनीमून पर पहलगाम में थे।

हिमांशी नरवाल के बयान को क्यों विवादास्पद बनाया गया?

उत्तर: हिमांशी ने बताया कि उनके बयान को कुछ मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे उन्हें ट्रोलिंग और अभद्र टिप्पणियों का सामना करना पड़ा। वह इससे बेहद आहत हैं और कहती हैं कि उन्होंने केवल सच्चाई और न्याय की मांग की थी।