Trump Ultimatum Hamas: ‘गाजा में हत्याएं नहीं रुकीं तो अंदर घुसकर मार डालेंगे’, हमास को डोनाल्ड ट्रंप की खुली चेतावनी, क्या परमाणु हमला करेगा अमेरिका?

Trump Ultimatum Hamas: 'गाजा में हत्याएं नहीं रुकीं तो अंदर घुसकर मार डालेंगे', हमास को डोनाल्ड ट्रंप की खुली चेतावनी, क्या परमाणु हमला करेगा अमेरिका?

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  • Publish Date - October 17, 2025 / 07:05 AM IST,
    Updated On - October 17, 2025 / 07:05 AM IST

Trump Tariffs News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ट्रंप की सख्त चेतावनी
  • रुके नहीं तो अंदर घुसकर मारेंगे-ट्रंप
  • हमारे विकल्प खत्म हो रहे हैं-ट्रंप

अमेरिका: Trump Ultimatum Hamas: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को कड़ी चेतावनी दी है। ट्रंप का कहना है कि अगर गाजा में लोगों की हत्या करना जारी रखा गया तो अमेरिका के पास और विकल्प नहीं बचेंगे और हमें अंदर जाकर उन्हें मारना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अमेरिका के पास विकल्प कम रह जाएँगे।

ट्रंप के इस कठोर संदेश ने मिडिल ईस्ट में एक बार फिर तनाव को बढ़ा दिया है और यह अटकलें तेज कर दी हैं कि कहीं अमेरिकी सेना हमास पर सैद्धांतिक रूप से कोई सैन्य कार्रवाई न कर दे। इधर इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी तल्ख लहजे में चेतावनी दी है कि यदि मारे गए बंधकों के शव नहीं मिले तो वे तबाही मचा देंगे। नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल पूरी ताकत के साथ हमास का सामना करेगा।

Trump Ultimatum Hamas:  इन हालातों के बीच क्षेत्रीय तनाव बढ़ने की आशंकाएं व्यापक रूप से व्यक्त की जा रही हैं विशेषकर तब जब दोनों ताकतें सख्त रुख अपना रही हैं और किसी भी तरह की अचानक सैन्य कार्रवाई की संभावनाओं पर चर्चा होने लगी है।

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क्या ट्रंप का बयान सैन्य कार्रवाई का संकेत है?

बयान कड़ा संकेत देता है पर यह स्वतः सैन्य कार्रवाई की पक्की घोषणा नहीं है। ऐसे बयान नीति/दबाव का हिस्सा होते हैं; वास्तविक कार्रवाई के लिए कांसल्टेशन, कानूनी + सैन्य प्रक्रियाएँ और कांग्रेस/संबंधित संस्थाओं की भूमिका मायने रखती है।

इस स्थिति का मध्य-पूर्व पर क्या असर पड़ सकता है?

संकट गहरा सकता है: क्षेत्रीय तनाव, सीमा पर संघर्ष की आशंका, शरणार्थी/मानवतावादी संकट में वृद्धि, और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति सक्रिय हो सकती है।

इज़राइल और अमेरिका के बीच क्या समन्वय होता है?

परंपरागत रूप से अमेरिका और इज़राइल सुरक्षा और खुफिया मामलों में निकट सहयोग करते रहे हैं; बयान/नीतियाँ अक्सर परस्पर संपर्क और सामरिक विचार-विमर्श के साथ आती हैं।