Ujjain Spiritual and Wellness Summit: औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह का उद्बोधन, वेलनेस टूरिज्म के ग्रोथ की संभावना जताई
Spiritual and Wellness Summit: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस वर्ष को हम उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मना रहे हैं। प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए निवेश को बढ़ाया जा रहा है।
Spiritual and Wellness Summit, image source: ibc24
- बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 का आयोजन
- प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस समिट में शामिल हुए
- प्रदेश को योग, आयुर्वेद और वेलनेस का हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम
Spiritual and Wellness Summit: उज्जैन में पहली बार स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट का आयोजन किया जा रहा है, जो प्रदेश को योग, आयुर्वेद और वेलनेस का हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। इस आयोजन में देशभर से 300 से अधिक प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस समिट में शामिल हुए हैं। उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने स्वागत उद्बोधन में कई बिंदुओं पर चर्चा की है।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रमुख सचिव राघवेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 का आयोजन ऐतिहासिक है। उज्जैन धर्म, आध्यात्म, कला और विज्ञान के केंद्र के रूप में जाना जाता है। हजारों वर्षों से हम इस धरोहर को संजोकर रखे हुए हैं। यह विक्रमादित्य, सांदिपनि, कालिदास की भूमि रही है।
Spiritual and Wellness Summit, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में इस वर्ष को हम उद्योग एवं रोजगार वर्ष के रूप में मना रहे हैं। प्रदेश की ऐतिहासिक धरोहर और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हुए निवेश को बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि उज्जैन को धर्म नगरी के रूप में विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है। इस समिट के पैनल डिस्कशन में निवेशकों के साथ साझेदारी के बिंदुओं पर चर्चा की गई। कलेक्टर उज्जैन ने सिंहस्थ 2028 की तैयारियों की जानकारी प्रदान की।
उन्होंने कहा कि वेलनेस टूरिज्म में प्रदेश की ग्रोथ रही है, जिसके आगामी 10 साल में तीन गुना होने की संभावना है। मध्यप्रदेश सरकार ने आनंद को प्रोत्साहित करने के लिए आनंद विभाग बनाया है। हम दूसरों के साथ खुशियां बांटने की कोशिश करें। जीआईएस के समय सरकार ने 18 नई उद्योग नीतियां लागू कीं। इसमें स्पिरिचुअलिटी के साथ वेलनेस के प्रोत्साहन पर विशेष जोर दिया गया है।
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